नीरज सिसौदिया, बरेली
आला हजरत का शहर बरेली उत्तर प्रदेश के उन चुनिंदा शहरों में शुमार है जो अक्सर गंगा-जमुनी तहजीब की नई इबारतें गढ़ता रहा है। यूं तो इस शहर को झुमका नगरी, सुरमा नगरी और नाथ नगरी जैसे कई नाम दिए गए हैं लेकिन इसकी असल पहचान यहां का हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब ही है। इन दिनों यह खूबसूरत शहर एक विशेष आयोजन के लिए सुर्खियों में है। इस बार यहां रामनवमी की पूर्व संध्या पर दुर्गा अष्टमी के दिन त्योहारों के जश्न का एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो पहले कहीं नहीं देखा गया। बरेली शहर के इतिहास में ऐसा खूबसूरत आयोजन संभवत: पहली बार हुआ है जब रामनवमी से ठीक पहले दुर्गा अष्टमी के दिन एक मंच पर ईद का जश्न और होली की खुशियां भी सूफियाना कलामों के बीच हजारों लोगों ने एक साथ साझा की हैं।
हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को एक मंच पर लाकर आपसी प्रेम और भाईचारे का पैगाम देने का यह सराहनीय काम समाजवादी पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर अनीस बेग एवं उनकी पत्नी डॉक्टर फहमी खान ने किया है।

मौका था नवरात्र की दुर्गा अष्टमी का। आईएमए हॉल में डॉक्टर अनीस बेग की ओर से जश्न-ए-ईद एवं होली भाईचारा महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें एक तरफ सेवइयों की महक थी तो दूसरी तरफ गुजिया की मिठास जिसने इस कार्यक्रम में भी प्रेम और भाईचारे का शहद घोल दिया था। नवरात्र पर मां दुर्गा का व्रत रखने वालों के लिए भी यहां विशेष इंतजाम किए गए थे।
लगभग ढाई हजार से भी अधिक लोग इन ऐतिहासिक लम्हों के गवाह बने। इनमें लगभग डेढ़ हजार मुस्लिम थे तो एक हजार के करीब हिन्दू। इस ऐतिहासिक आयोजन ने दलों के बीच दिलों की दूरियों को भी खत्म किया और क्या सपा, क्या बसपा, क्या भाजपा और क्या कांग्रेस, हर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

यहां न तो कोई दलित था और न ही कोई ब्राह्मण, सबकी जाति और मजहब सिर्फ इंसानियत था।

हिन्दू और मुस्लिमों के साथ ही सिख और ईसाई समाज के लोगों ने भी इस आयोजन में बड़े उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। सबसे एक साथ बैठकर भोजन किया और उसके बाद मशहूर कव्वाल अनीस साबरी और उनकी टीम के सूफियाना कलामों में सराबोर हो गए।

सूफी संगीत की यह शाम असल में भाईचारे और साम्प्रदायिक सौहार्द की एक ऐसी मिसाल बन गई जिसे आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेंगी। जब-जब हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की बात होगी तो डॉक्टर अनीस बेग और फहमी खान के जिक्र के बिना वह पूरी नहीं होगी।

इस सम्मेलन में नामी-गिरामी हस्तियों से लेकर एक छोटे से सफाई सेवक की मौजूदगी यह दिखा रही थी कि कैसे अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के लोग एक साथ आकर एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रख सकते हैं। यह आयोजन न सिर्फ बरेली के लोगों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन गया। इस आयोजन ने ऊंच-नीच के भेदभाव को खत्म कर यह दिखाया कि हम अपने मतभेदों को भूलकर एक साथ आ सकते हैं और एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
समारोह में ये दिग्गज हुए शामिल
कार्यक्रम में डॉ. विनोद पागरानी, ज्ञानी काले सिंह, भोजीपुरा विधायक शहजिल इस्लाम, सरदार बिट्टू, जिला अध्यक्ष सपा शिवचरन कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खान सुल्तानी, अरविंद यादव, शुभलेश यादव, महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा यादव, अल्पसंख्यक समाज के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष इरफान उल हक कादरी, रविंद्र यादव, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह, साजिद भाई, अमरप्रीत सिंह, रोहित राजपूत, स्मिता यादव, शान्ति सिंह राष्ट्रीय सचिव सपा महिला सभा, समाजसेवी अश्विनी ओबेरॉय, डॉ. आईएस तोमर, डॉक्टर राजेश अग्रवाल, आईएमए बरेली के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, सचिव डॉ. रतनपाल सिंह, भोजीपुरा विधायक शहजिल इस्लाम, राजेश अग्रवाल, फरहत नकवी, रोशनी खान, जैनब फातिमा, डालिमा अग्रवाल, शुभलेश यादव, पार्षद राजेश अग्रवाल, अगम मौर्य, संजीव यादव, गुड्डू यादव आदि।