झारखण्ड

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी घोटाले में गिरफ्तार, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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रांची। झारखंड में हुए कथित आबकारी घोटाले से जुड़े एक मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी विनय कुमार चौबे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि 1999 बैच के आईएएस अफसर चौबे को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद चौबे को एसीबी मामलों के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार के समक्ष पेश किया गया। चौबे ने मुख्यमंत्री के सचिव सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह वर्तमान में पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं। एसीबी ने आबकारी विभाग के सचिव के रूप में चौबे के कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच शुरू की थी। राज्य सरकार ने इससे पहले चौबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी। अधिकारी के मुताबिक एसीबी की एक टीम सुबह चौबे के आवास पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए ब्यूरो के मुख्यालय ले गई। उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से भी एसीबी ने पूछताछ की। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी घोटाले की जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में चौबे और सिंह से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। ईडी ने इसके बाद राज्य सरकार के कई अधिकारियों, शराब कारोबारियों और अन्य के परिसरों पर भी छापे मारे थे। संघीय जांच एजेंसी के झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद रांची और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 15 परिसरों पर तलाशी ली गई। ईडी ने सात सितंबर, 2024 को छत्तीसगढ़ पुलिस की एसीबी द्वारा रायपुर में दर्ज की गई प्राथमिकी का संज्ञान लिया था, जिसमें चौबे, छत्तीसगढ़ से सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के महापौर ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कई अन्य लोगों को नामजद किया गया था।

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