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सपा अल्पसंख्यक सभा के साथ अखिलेश यादव ने की बैठक, सरकार से सवाल- बताएं सिपाही भर्ती में पीडीए की संख्या कितनी और उनकी हकमारी कौन कर रहा? बरेली से अता उर रहमान भी दिखे मंच पर, पढ़ें क्या-क्या हुआ बैठक में?

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नीरज सिसौदिया, लखनऊ
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए सवाल उठाया कि सरकार बताए कि सिपाहियों की भर्ती में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की संख्या कितनी है और उनकी हकमारी कौन कर रहा है। यादव ने पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान पूर्व मंत्री और बरले जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक अता उर रहमान भी मंच पर नजर आए।
अखिलेश ने कहा, “कोई भी सरकार नियम और नियम के बाहर भर्ती नहीं कर सकती।” रविवार को यहां 60 हज़ार से अधिक सिपाहियों के लिए आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछली सपा सरकार पर पुलिस भर्तियों में भाई-भतीजावाद और रिश्वत जैसे आरोप लगाए जाने और अब तक की सबसे बड़ी भर्ती के दावे के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा,‘‘ये आरोप इसलिए लगाते हैं कि इनसे कोई सवाल न पूछे। अगर हम लोग संख्या पूछना चाहें कि इतनी भारी संख्या में भर्ती हुई तो इसमें पीडीए की गिनती क्या है, तो?” उन्होंने कहा, “सरकार बताए कि पीडीए की हकमारी कौन कर रहा है। इस भर्ती में पीडीए की हकमारी किसने की। सिर्फ पीडीए के आंकड़े बता दे सरकार।” उन्होंने दोहराया, “कोई सवाल न पूछे इसलिए यह केवल इनका दुष्प्रचार है और भाजपा से अच्छा दुष्प्रचार कोई नहीं कर सकता।” यहां ‘डिफेंस एक्सपो’ मैदान में रविवार को आयोजित समारोह में नव-नियुक्त 60,244 सिपाहियों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की कामना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘‘मेरी दृष्टि से संख्या से ज्यादा एक बात महत्वपूर्ण है, मेरे सामने 60,244 युवा बैठे हैं और हिम्मत से कह रहा हूं कि किसी को एक आने-पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी है।

यह पारदर्शिता के साथ भर्ती हुई है। न खर्ची, न पर्ची, न कोई सिफारिश, न जाति के आधार पर…48 लाख आवेदनों में आप सब अपनी योग्‍यता के आधार पर आए हैं और मैं मानता हूं कि इससे बड़ी उपलब्धि किसी भी शासन के लिए नहीं हो सकती है।” इसी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,“सरकारी नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और भेदभाव अब बीते दिनों की बात हो गयी है। अब आरक्षण का लाभ देते हुए मेधा के आधार पर पूरी पारदर्शिता से भर्तियां की जा रही हैं।” दोनों नेताओं के निशाने पर सपा थी।
यादव ने प्रयागराज के कुंभ मेले के भगदड़ को लेकर आई मीडिया की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने 37 लोगों की भगदड़ में मौत का झूठा आंकड़ा दिया था, लेकिन चैनल ने हिम्मत करके दिखाया 82 लोग मारे गए हैं। यादव ने यह भी सवाल उठाया, ‘आखिर कुछ मृतकों के परिजनों को नकदी क्यों बांटी गई, किसके आदेश पर बांटी गई। नकदी देने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ और किसके आदेश पर हुआ है।” उन्होंने दावा किया कि सरकार इन सवालों से बचना चाहती है क्योंकि उसके पास जवाब नहीं है। यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार नफरत बढ़ाने का काम कर रही है। बहराइच, संभल आदि स्थानों पर सैयद सालार गाजी मसूद के नाम पर लगने वाले मेलों के लिए प्रशासनिक अनुमति न मिलने की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारी जो परंपरागत मिली-जुली संस्कृति है, स्थानीय मेले हैं, उनको जानबूझकर रोका जा रहा है।” उन्होंने मेलों को कारोबार से जोड़ने के साथ ही कहा,‘‘मेला हम लोगों को जोड़ता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है।” भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख ने कहा,“वे कारोबार के खिलाफ लोग हैं, मेले में गरीब कारोबार करता है, मेला गरीब लोगों का होता है और मिलने का स्थान होता है।” उन्होंने कहा कि जो हजारों साल से मेले लग रहे हैं, जहां से एकता का संदेश जाता है, मिलकर रहते हैं लोग और एक दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है, जोड़ने का मौका मिलता है उसके भी भाजपा खिलाफ है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सुझाव दिया कि धांधली रोकने के लिए गली-मोहल्ले में जाकर मतदाता सूची दुरुस्त कराएं और भारतीय जनता पार्टी ने जो फर्जी वोट बनवा रखा है, उन पर आपत्ति करें। इस दौरान अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कादरी, प्रदेश अध्यक्ष शकील नदवी सहित अन्य नेता भी उपस्थित थे।

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