बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
बेरमो वन क्षेत्र के ऊपरघाट स्थित कंजकिरो पंचायत के टैहरवासीरी जंगल में ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा महुआ व सखुआ का पेड़ कटाई के मामले में शुक्रवार को बोकारो डीसी के आदेश पर नावाडीह सीओ अंगारनाथ स्वर्णकार व वन विभाग की टीम जांच करने पहुंचे। जांच क्रम में वन एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के संयोजक खिरोधर महतो व समिति के योद्धा महतो, लालमोहन तुरी आदि मौजूद थें। जांच के बाद सीओ ने कंपनी के द्वारा स्टॉक स्थल भी जाकर जांच किया। जहां पर लकडी के बोटा कम मिलें। सीओ ने कहा कि जंगल में जितना पेड़ कंपनी के द्वारा काटा गया है, उसमें से स्टॉक में कम पाया गया है।
इसके बाद सीओ पलामू स्थित अवैध रूप से चल रहें आरा मिल में भी जांच किया। सूचना थी कि टैहरवासीरी जंगल से काटी गयी सखुआ की लकडी आरा मिल में टपाया गया है। लेकिन वहां भी कुछ नही मिला। बाद में सीओ ने वन एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि थाना में जब्त लकडी व स्टॉक का लकडी ओर जंगल से काटी गयी लकडी का मिलान वन विभाग के द्वारा करने के बाद एक रिपोर्ट बोकारो डीसी को सौंप दिया जाऐगा। कहा कि कई रैयत का भी महुआ व सखुआ का पेड़ काटा गया है। इस पर रैयत कंपनी पर मामला दर्ज कर सकते है। ऊन्होंने यह भी कहा कि जंगल काटने के समय वन विभाग व समिति के पदाधिकारी भी साथ रहें। जिससे टावर कंपनी जंगल में जरूरत से ज्यादा लकडी नही काट सके। वन एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के संयोजक खिरोधर महतो ने बताया कि टैहरवासीरी जंगल से गुजर रही ट्रांसमिशन लाइन ललपनिया से मैथन जाऐगी। जिसके तहत सिर्फ टैहरवासीरी जंगल में लगभग सात हजार पेड़-पौधे काटने का एनओसी कंपनी नेे भारत सरकार से ली है। एनओसी के अनुुसार कंपनी काम नही कर रहीं है। इसकेे आलोक में
प्रधानमंत्री कार्यालय, झारखंड सरकार, वन विभाग दिल्ली सहित कई जगहों पर पत्राचार किया गया है।
कहा कि हमलोग 40 साल जंगल को अपने परिवार के जैसा पालन पोषण किया है। कंपनी के कुछ कर्मचारी जंगल से पेड़ काटकर अवैध रूप से लकडी का तस्करी कर रहें है। 21 जून को वन एवं प्रर्यावरण सुरक्षा समिति ने लकडी व दो वाहन को जब्त कर पुलिस को सौंप दिया है। स्टॉक से भी लकडी को बेचा गया। उन्होंने कहा कि वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए है। लकडी की तस्करी में वन विभाग की भुमिका को संदिग्ध मान रहें है। शुक्रवार को जांच के दौरान पेंक-नारायणपुर थाना के सअनि सुनिल कुमार सिंह, रैयत बाबूलाल महतो, परमेश्वर तुरी सहित वन विभाग के कर्मी भी उपस्थित थे।