बिहार

क्या शिक्षक की मौत के बाद जागेगी सरकार?

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चंदन मंडल, खगड़िया
गत 7 मार्च से शिक्षकों की लड़ाई लड़ रहे मनीष कुमार सिंह की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। वही लातूर जिला प्रशासन जाग रहा है और ना ही सरकार। शिक्षा विभाग की आंखों पर भी पट्टियां बंधी हुई हैं। क्या सरकार एक शिक्षक की मौत के बाद जागेगी?
बता दें कि बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ खगड़िया के जिला सचिव मनीष कुमार सिंह, शिक्षक संतोष कुमार, दिलीप और विपिन कुमार गत 7 मार्च से जिला पदाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग पर लापरवाही और उपेक्षापूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए गत 17 फरवरी को मनीष कुमार सिंह के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था। उस दौरान डीपीओ स्थापना की ओर से उन्हें होली से पहले मांगें पूरी करने का भरोसा भी दिया गया था। लेकिन मांगे पूरी नहीं की गई। अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने से पहले मनीष कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर अनिश्चितकालीन अनशन की चेतावनी भी दी थी लेकिन संबंधित अधिकारी पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। इसके बाद मनीष कुमार अपने साथी शिक्षकों संतोष कुमार, दिलीप और विपुल कुमार के साथ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। मंगलवार को मनीष कुमार सिंह की हालत काफी बिगड़ गई थी। उनका शुगर लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान डॉक्टर मौके पर पहुंची और जांच के बाद उन्हें स्लाइन चढ़ाने की सलाह दी थी लेकिन मनीष ने स्लाइन चढ़वाने से इंकार कर दिया। उनकी हालत और बिगड़ती जा रही है और बुधवार को भी उनका अनशन जारी है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती तब तक वह अनशन से नहीं हटेंगे। शिक्षकों के इस आंदोलन को कांग्रेस ने भी अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने शिक्षकों की मांगों को जायज ठहराया है। साथ ही निषाद विकास संघ के प्रदेश महासचिव बृजकिशोर साहनी उपाध्यक्ष अमरजीत हुआ पंकज ने भी इस आंदोलन को समर्थन देते हुए सरकार से जल्द से जल्द शिक्षकों की मांगे पूरी करने की अपील की है।
ये हैं मांगें
जीओबी व एसएसए मद का अभिलंब वेतन व सभी प्रकार का बकाया भुगतान किया जाए, सातवें वेतनमान निर्धारण हेतु सेवा पुस्तिका का संधारण डीपीओ स्थापना के द्वारा सभी सातों बीआरसी में जाकर करना सुनिश्चित किया जाए, प्रशिक्षित शिक्षकों को स्नातक प्रोन्नति का लाभ अभिलंब दिया जाए, पोशाक व छात्रवृत्ति वितरण में निलंबित किए गए प्रधानाध्यापकों का निलंबन वापस लिया जाए, मृत शिक्षकों का रसोईया के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का अविलंब भुगतान किया जाए, मृत शिक्षकों व रसोईया के परिजनों को अनुकंपा का लाभ दिया जाए, ओडीएल व संवर्धन उत्तीर्ण शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतन मान दिया जाये, डीएलएड की 2016 बैच की परीक्षा नहीं ली गई है, छूटा हुई सभी परीक्षाएं ली जाएं, मनीष कुमार सिंह का निलंबन 2 जनवरी को समाप्त कर दिया गया था पर लंबित वेतन का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है अतः अविलंब वेतन का भुगतान किया जाए।

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