पंजाब

बेटियों के जीवन की भीख मांगने के लिए एक भिक्षुक के रूप में आया हूं : सुशील तिवारी

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जालंधर : आज जनहित कल्याण सभा की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत न्यू राजन नगर गली नंबर 10 में जरूरतमंद स्कूल की छात्राओं को  31 स्कूल बैग बांटे गये और इसके साथ मुहल्ले के 150 स्कूल बच्चों को स्कूल का समान दिया गया. जिसमें जनरल नॉलेज की बुक , एक स्कूल कॉपी ,जेमैट्री का बॉक्स आदि समान दिया गया ।

इस कायर्क्रम में मुख्य अतिथि के रूप में युवा राष्ट्र निर्माण वाहिनी संस्था के प्रधान एवं युवा नेता सुशील तिवारी शामिल हुए । इस मौके पर तिवारी ने जालंधर के लोगों से एक भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि वो “बेटियों के जीवन की भीख मांगने के लिए एक भिक्षुक के रूप में आया हूं।” उन्होंने जनहित कल्याण सभा के कार्यक्रम “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की शुरुआत के अवसर पर एक कायर्क्रम जनसभा, जिसमें अधिकांश महिलाएं थीं, को संबोधित करते हुए ये बात कही।

उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मानसिकता 18वीं सदी की है, हमें खुद को 21वीं सदी का नागरिक कहने का कोईअधिकार नहीं। इसके साथ ही तिवारी ने बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया। ऐसा करके ही कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है। तिवारी ने कहा कि इसे खत्म करने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, वर्ना हम न सिर्फ मौजूदा पीढ़ी को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए “भयानक संकट” को भी आमंत्रित कर रहे हैं।कन्या भ्रूण हत्या में योगदान करने वाले डॉक्टरों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि उनकी मेडिकल शिक्षा का उद्देश्य जीवन को बचाना था, न कि बेटियों की हत्या करना। लेकिन इसका संदेश तिवारी ने पूछा कि अगर बेटियां पैदा नहीं होंगी तो बहुएं कहां से लाएंगे? उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हैं जो पढ़ी लिखी बहुएं चाहते हैं, लेकिन वो अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये भेदभाव खत्म होना चाहिए।  “ओ माताओं, तुमसे है, मुर्दों ” उन्हें बेटियों को दिए गए महत्व को रेखांकित करने के लिए अन्य प्राचीन शास्त्रों को भी उद्धत किया।तिवारी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल्पना चावला को स्मरण किया, जो मूलत:हरियाणा की थीं, और बताया कि किस तरह बेटियां नाम रोशन कर सकती हैं।उन्होंने कहा कि आज लड़कियां खेल में, शिक्षा में और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, और यहां तक कि वो कृषि में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं।उन्होंने कहा कि इससे इस कार्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का पता चलता है, और हमारे समाज में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए ऐसी ही प्रतिबद्धता की जरूरत होगी। तिवारी ने वाराणसी के जयापुर गांव का उदाहरण दिया। तिवारी ने कहा कि इस गांव में बेटी होने पर आनंदोत्सव मनाया जाता है, और ऐसे प्रत्येक अवसर पर पांच पेड़ लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में लोगों को इस उदाहरण को अपनाना चाहिए। तिवारी ने आये हुए लोगों को “ “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की शपथ भी दिलाई। इस मौके पर संस्था के प्रधान गौरव गई ने कहा कि हमारी संस्था का मकसद लोगों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूक करना है और हमारी संस्था बेटियों के साथ है  गई ने कहा कि हमें बेटी के जन्म की ख़ुशी मनानी चाहिए । इस मौके विशेष रूप  से यह अतिथि अमरनाथ, राणा ,रंजीत सिंह ,मनवीर सिंह ,गुलशन बेहाल ,तरसेम सिंह (सरपंच) सिमरन जंगराल ,बलदेव सिंह ,शामिल रहे । इस मौके पर युवा नेता सुशील तिवारी ,अशोक गई ,गौरव गई ,नीटू ,डॉ सतिंदर आहूजा ,पवन ,सुरेश ,काका, राजा, मोहन , विककी , विशाल ,अमन ,शुभम ,रम्मू ,राजा राम गुप्ता ,धोनी , आदि शामिल थे.

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