पं. दीनदयाल उपाध्याय मंच की जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि
चंद्रशेखर आजाद व सुखदेव के पारिवारिक सदस्यों का हुआ जलियांवाला बाग़ में हुआ जोरदार स्वागत
अमृतसर। महापुरुषों के चित्रों के साथ हमें उनके चरित्र की पूजा भी सीखनी होगी तभी हमारे क्रांतिकारियों के सपनों के भारत का निर्माण होगा। यह हमारे समाज की विसंगती बनता जा रहा है कि हम क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों व अपने अन्य महापुरुषों की जयंतियां व पुण्यतिथियां तो मनाते हैं परंतु जब उनके दिखाए मार्ग पर चलने का मौका आता है तो हममे से अधिकतर लोग विकल्प तलाशने लगते हैं। जब तक हम उनके दिखाए मार्ग पर चलेंगे नहीं तब तक क्रांतिकारियों के सपनों के भारत का निर्माण का काम अधूरा रहेगा। यह विचार अंग्रेजों को हर मौके पर छकाने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के भतीजे अमित आजाद ने जलियांवाला बाग में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच की ओर से आज जलियांवाला बाग में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और उनका पुण्य स्मरण किया गया।समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे अमित आजाद ने कहा कि देश में स्वतंत्रता आए लगभग सत्तर साल हो चुके हैं परंतु संपूर्ण आजादी आज भी कोसों दूर लग रही है। क्रांतिकारियों व स्वतंत्रता सेनानियों का यह सपना कदापि नहीं था कि यहां से गोरे अंग्रेज चले जाएं और उनका स्थान काले अंग्रेज ले लें, लेकिन हुआ कमोबेश यही है। चाहे देश में व्यस्क मताधिकार के चलते सभी को सत्तासंचालन में भागेदारी का अधिकार मिला है परंतु आज भी शासन-प्रशासन व्यवस्था आम आदमी के प्रति संवेदनहीन सा दिखता है। गरीबी, असमानता,सामाजिक भेदभाव, भ्रष्टाचार आदि बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जो दुनिया के सबसे बड़े हमारे लोकतंत्र पर प्रश्नचिन्ह लगाती दिख रही हैं। आज जलियांवाला बाग के शहीदों के श्रद्धांजलि समारोह में सभी को प्रण लेना होगा कि जब तक देश में पूर्ण स्वतंत्रता नहीं आती हमारा स्वतंत्रता संग्राम जारी रहेगा।पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष किशनलाल शर्मा ने कहा कि चाहे इस दिन सैंकड़ों भारतीय क्रूर अंग्रेज सरकार के हाथों वीरगति पा गए परंतु इस घटना ने देश को एकजुट कर दिया और स्वतंत्रता के प्रति इच्छा को प्रचंड कर दिया था। यह बलिदान हमारे इतिहास के सबसे गौरवशाली पन्नों में से एक है और युगों तक प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की मिट्टी लेकर इसके दोषियों को खत्म करने की सौगंध खाई और उसको पूरा भी किया उसी तरह हमें भी शहीदों को हाजिर-नाजिर मान कर हमारे समाज में व्याप्त नशा,भ्रष्टाचार, दहेज, छूआछूत, हर तरह के शोषण के खिलाफ संकल्प लेना होगा और इसको पूरा करने के लिए सक्रिय भी होना होगा। उन्होंने देशवासियों को अह्वान किया कि वह देश व समाज को केंद्र में रख कर अपने परिवारिक व सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें तो यह देश स्वत: ही विश्वगुरु के पद पर पुन: आसीन हो जाएगा। इस अवसर पर शहीद सुखदेव के नाती विशाल नैयर ने कहा की पंजाब की धरती क्रन्तिकारी वीरो की धरती है हमें क्रन्तिकारी वीरो के पद चिन्हों पर चलकर सामजिक बुराइयों को उखड फेंकने के लिए आना होगा I इस अवसर पे पूर्व मंत्री पंजाब लक्ष्मी कांता चावला ने कहा की शहीदों के सपनो का भारत बनाने के लिए हमें शहीदों के पद चिन्हों पर चलना होगा I इस मौके पर भारत माता की जय, भगत सिंह-राजगुरु-सुखदेव जिंदाबाद, क्रांतिकारी जिंदाबाद, वंदेमातरम् के गगनभेदी नारे लगाए गए। समारोह में मंच के अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ता व समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी मौजूद थे। इस अवसर पर अमृतसर जलियांवाला बाग़ पहुँचने वालो में गुरमीत सिंह औलख अजमेर सिंह बादल जसबीर बग्गा विकास शर्मा(अमृतसर वाले ) सरवन कुमार शर्मा देशराज शर्मा स्नेहदीप नवल खोसला जोबंप्रीत सिंह सुरिंदर सूरी सौरभ अजय सिन्धु हरदीप सिंह राजू मलकीत सिंह वरुण कुमार मोहन लाल सुरजीत सिंह मनजिंदर सिंह जसवंत सिंह सजान कुमार शेर सिंह परमजीत सिंह जसपाल सिंह राजिंदर शर्मा मनोज कुमार दिनेश ठाकुर कमल ग्रोवर तेजिंदर सिंह तेजा सूबेदार के के शर्मा नवीन कुमार आदि भारी संख्या में युवा उपस्थित थे.