कसमार, प्रतिनिधि
कसमार प्रखंड मुख्यालय समेत आसपास के कई गांव में शनिवार दोपहर बाद बारिश के बाद जमकर ओलावृष्टि हुई। जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों के खपरैल व एस्बेस्टस के मकान क्षतिग्रस्त हो गए , वहीं दर्जनों किसानों के खेत मे लगे फसलें भी ओलावृष्टि में चौपट हो गयी। जानकारी के अनुसार कसमार प्रखंड के मधुकरपुर , चंडीपुर , जम्हार , ओरमो , बरईकला , फुटलाही , सुइयाडीह , सुरजुडीह समेत अन्य गांव में शनिवार दोपहर बाद अचानक आये बारिश के बाद ओलावृष्टि होने लगी।
ओलावृष्टि में सबसे अधिक नुकसान मधुकरपुर व बरईकला पंचायत के ग्रामीणों को हुई है। इस पंचायत के अधिकतर गांव में खपरैल व एस्बेस्टस जे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं । ग्रामीणों के अनुसार ओले 200 से 250 ग्राम व इससे बड़े आकार के भी थे। कई गरीब किसान ओलावृष्टि की मार से बेघर हो गए हैं। चंडीपुर में बुजुर्ग गरीब 75 वर्षीय बंधु महतो हरि मंदिर से अपने घर लौट रहा था , इसी बीच ओलावृष्टि की चपेट में आ गया। एक आंख से दिव्यांग बंधु ओलावृष्टि में घर भागने के क्रम में गिर गया , जिससे ओलावृष्टि से पूरा शरीर व सिर लहूलुहान हो गया। ग्रामीणों ने तुरंत इसका प्राथमिक उपचार कराया , लेकिन समाचार लिखे जाने तक बुजुर्ग की हालत अच्छी नहीं थी। चंडीपुर के किसान भागवत महतो ने बताया कि बड़े आकार के ओले लगभग दो दशक के बाद इस क्षेत्र में गिरे , जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
खेतों में लगे प्याज , कद्दू , टमाटर , करैला , खीरा , नेनुआ ,झींगी व अन्य मौसमी सब्जियों की खेती ओलावृष्टि से पूरी तरह से चौपट हो गयी। चंडीपुर , जम्हार , मधुकरपुर , ओरमो समेत आसपास के गांव के ग्रामीणों व किसानों ने ओलावृष्टि से नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु स्थानीय प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है।