बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
धनबाद सीआईसी रेलखंड अंतर्गत बोकारो थर्मल-गोमिया रेलवे स्टेशन के मध्य कोनार नदी पर बनाये गये रेलवे ब्रिज के नीचे काम के लाईन दोहरीकरण का काम के दौरान रेलवे द्वारा कोनार नदी में काफी मात्रा में मिट्टी जमा करने को काम इन दिनों किया जा रहा है। नदी के बीच में जमा किया जा रहा मिट्टी हाईवा के द्वारा लाया जा रहा है। नदी में जमा किया जाने वाला मिट्टी हल्की वर्षा के साथ ही कोनार नदी में बहकर नदी में प्रवाहित जल में मिलकर नदी के जल को पूरी तरह से प्रदूषित कर देगा साथ ही नदी के जलस्तर में कमी आएगी तथा गाद भर जाएगी। इसके अलावा नदी के उस पार डीेवीसी पावर प्लांट का इंटेक है जहां से पावर प्लांट एवं काॅलोनी को पानी की सप्लाई की जाती है। नदी में बालू की अधिकता के कारण इंटेक से पानी की सप्लाई में पूर्व से ही दिक्कत होती है और डीवीसी प्रबंधन को बार-बार नदी से बालू निकलवाना पड़ता है। इस संबंध में दामोदर बचाओ अभियान के संयोजक गुलाब चंद्र का कहना है कि पर्यावरण सुरक्षा कानून सेक्शन-5 1986 में नदी के साथ-साथ भूमि एवं वायु को सुरक्षा देने का उल्लेख है.नदी को किसी भी परिस्थिति में भरना सहित अन्य प्रकार के कामों की स्वीकृति पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा तकनीकी जांच के बाद शर्तों पर मिली स्वीकृति के आधार पर ही किया जा सकता है। जबकि रेलवे ने ऐसी किसी भी प्रकार की स्वीकृति काम करने के पहले नहीं ली है।
नदी में किया जाएगा पाईलिंग का काम-इस संबंध में रेलवे द्वारा लाईन दोहरीकरण का काम को देखने वाले कंस्ट्रक्शन के कनीय अभियंता अरुण कुमार ने पूछे जाने पर कहा कि लाईन दोहरीकरण के काम में कोनार नदी पर बनाये गये रेलवे के ब्रिज को भी चैड़ा किया जाना है। इस कार्य के लिए नदी में आठ नये पीलर का निर्माण किया जाना है। पीलर निर्माण हेतु पाईलिंग का काम के लिए नदी में मिट्टी डालकर नदी के जल को डायवर्ट किया जाना है। नदी में काम पूरा हो जाने के बाद डाली गयी सारी मिट्टी निकाल ली जाएगी।
कंस्ट्रक्शन के कारण लगातार नदी को भरने का किया जा रहा है काम-दामोदर बचाओ आंदोलन के बोकारो जिला सह संयोजक श्रवण सिंह ने कहा कि एक ओर बोकारो थर्मल का डीवीसी प्रबंधन लगातार कोनार नदी का अतिक्रमण कर कोनार नदी में कंस्ट्रक्शन का काम कर रहा है तो दूसरी ओर रेलवे के द्वारा भी नदी को मिट्टी से भरा जा रहा है। इसके लिए दोनों ही प्रबंधन ने कोई आदेश भी नहीं लिया है। बोकारो के जिला खनन पदाधिकारी गोपाल दास का इस संबंध में कहना था कि नदी को मिट्टी एवं बोल्डर से भरने की कार्रवाई खनन से जुड़ा हुआ नहीं है।