कुरुक्षेत्र, ओहरी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. श्याम कुमार ने कहा है कि साईंस और टैक्नॉलाजी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। 1998 में आज ही के दिन पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। आज मानव जीवन टैक्नॉलाजी पर निर्भर है। परन्तु आज बढ़ते डिजिटल युग में हम बेसिक साईंस को भूलते जा रहे हैं जो हमारे लिए महत्वपूर्ण चुनौती है। वे सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि टैक्नालाजी को समय के अनुसार प्रयोग में लाना चाहिए। उन्होंने सीवी रमन के योगदान की चर्चा की। कार्यक्रम में एनआईटी के कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश अग्रवाल ने टैक्नालाजी के क्षेत्र में भारत विश्व गुरू है उन्होंने प्रकृृति व भगवान के रिश्तों को टैक्नालाजी के साथ जोड़ा और बताया कि जिसके पास आंतरिक शक्ति है और अपने काम के साथ दूसरे की सहायता करता है वह सफलता के शिखर पर जाता है। उन्होंने इस मौके पर मार्क जुकरबर्ग की असफलता में सफलता होना भारतीय सभ्यता और संस्कृृति की धारणाओं का जिक्र किया। इसलिए हमें मानवीय मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए जो मानव कल्याण करते हो।
इस मौके पर एनडीआरआई के माईक्रोबयो विभाग के प्रिंसीपल साईंटिस्ट डॉ. नरेश गोयल ने कहा कि जनसंख्या की लगातार वृृद्धि हो रही है और संसाधन घट रहे हैं तो इस समय टैक्नालाजी का प्रयोग हमारे लिए चुनौती है। हमें किसी उत्पाद की गुणवत्ता और वैरायटी उसके सभी मूल्यों का निर्धारण करना चाहिए जो समय के साथ टैक्नालाजी को पूर्ण रूप से विकसित कर सके। उन्होंने माइक्रोबायो का साईंटिस्ट होने के नाते आज किसानों की समस्या और कृृषि के आकार के साथ पेस्टीसाईड के इस्तेमाल और उसके मूल्य की बात की।
इस मौके पर भाषण पर प्रोजेक्ट मॉडल प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई जिसमें शहर के लगभग 24 स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। भाषण में गुरूकुल के अनमोल रहे जिन्होंने टैक्नालॉजी के पर्यावरण असंतुलन के साथ जोड़ा। अग्रसेन स्कूल की मिष्ठी दूसरे नम्बर पर रही जिन्होंने डिजिटल इंडिया पर अपना भाषण दिया, वंशिका पीकेआर जैन स्कूल की छात्रा तीसरे स्थान पर रही।
प्रोजेक्ट मॉडल में गीता निकेतन स्कूल की टीम एश्वर्या, अभिषेक घनघस व अंकित सैनी का होम आटोमेशन का प्रोजेक्ट प्रथम रहा। तुषार व आशीष का बायोगैस प्लांट का प्रोजेक्ट द्वितीय, अक्षित अग्रवाल, चैतन्य की टीम ने हृयूमनिटी बेस्ड पर प्रोजेक्ट में तीसरा स्थान मिला।
इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक डॉ. अमिता मित्तल ने सभी का स्वागत किया और सह संयोजक उपेन्द्र ढुल ने धन्यवाद किया। इस मौके पर रामअवतार, रीटा देवी, डॉ. अनुराधा, विशाल अहलावत, हरनेक सैनी, प्रिया, क्रिती, अर्चित,विनीत, हरिकेश पपोसा मौजूद थे। ज्योतिका वर्मा ने मंच संचालन किया।