नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर नगर निगम का टाउन प्लानिंग विभाग भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबा हुआ है| एक तरफ मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू तक पहुंचने के बावजूद कांग्रेस कौंसलर गुल्लू की बिल्डिंग का अवैध रूप से निर्माण खुलेआम चल रहा है तो वहीं पिछले कई वर्षों से न्यू ऑर्थोनोवा हॉस्पिटल कानून की धज्जियां उड़ा कर चलाया जा रहा है| यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह कहना है आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल सिंह चड्ढा का| जिन्होंने इन दोनों बिल्डिंगों की शिकायत स्थानीय निगम कमिश्नर बसंत गर्ग से लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तक से की| इसके बावजूद भ्रष्टाचार के चलते इन दोनों बिल्डिंगों में धड़ल्ले से मनमानी की जा रही है|
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आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत नगर निगम जालंधर के टाउन प्लानिंग विभाग से यह जानकारी मांगी थी कि क्या नकोदर रोड स्थित न्यू ऑर्थोनोवा हॉस्पिटल का नक्शा पास कराया गया है अथवा नहीं| अगर पास कराया गया है तो कितनी मंजिलों को अनुमति दी गई है और कितनी को नहीं? इस संबंध में नगर निगम की ओर से जो जवाब दिया गया है वह चौंकाने वाला है| निगम की ओर से दिए गए जवाब में यह बताया गया है कि नकोदर रोड स्थित न्यू ऑर्थो नोवा हॉस्पिटल की बिल्डिंग का कमर्शियल नक्शा पास कराया गया है| साथ ही यह भी कहा गया है कि उस इमारत की ऊपरी दो मंजिले सील कर दी गई हैं| चड्ढा का कहना है कि नियमानुसार अगर इमारत का कमर्शियल नक्शा पास कराया गया है तो उसमें अस्पताल नहीं चलाया जा सकता| इसके बावजूद न्यू ऑर्थो नोवा हॉस्पिटल पिछले काफी समय से धड़ल्ले से अधिकारियों की मिलीभगत कैसे चलाया जा रहा है| सूत्र बताते हैं कि न्यू ऑर्थो नोवा अस्पताल के मालिक के भाजपा के आला नेताओं से अच्छे संपर्क थे जिसके चलते पिछली सरकार के दौरान उनके अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. अब जबकि सुबह में कांग्रेस की सरकार है और नगर निगम पर भी कांग्रेस का बीज है इसके बावजूद न्यू ऑर्थोनोवा हॉस्पिटल के खिलाफ कोई कार्यवाही विभाग की ओर से नहीं की जा रही है| रविंद्र पाल सिंह चड्डा का आरोप है कि औरतों नोवा अस्पताल की अवैध बिल्डिंग में अस्पताल चलाने की अनुमति देने के पीछे नगर निगम के अधिकारियों का बड़ा स्वार्थ है| उनका आरोप है कि इस अनुमति प्रदान करने के एवज में नगर निगम के भ्रष्ट एमटीपी, एटीपी और बिल्डिंग इंस्पेक्टर ने मोटी रकम वसूल की है| चड्ढा ने कहा कि न्यू ऑर्थो नोवा हॉस्पिटल की इमारत का कंप्लीशन सर्टिफिकेट की नगर निगम की ओर से जारी नहीं किया गया है इसके बावजूद इस इमारत में हॉस्पिटल चलाना पूरी तरह से कानूनों का उल्लंघन है और अवैध है| उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करने और इसकी चीफ विजिलेंस अफसर से जांच करवाने की मांग की है| उनका कहना है कि बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त किए इमारत में काम नहीं किया जा सकता है और ना ही कमर्शियल इमारत का नक्शा पास करवा कर उसमें हॉस्पिटल चलाया जा सकता है| उन्होंने कहा कि न्यू ऑर्थो नोवा हॉस्पिटल ने इन दोनों ही कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए अपनी मनमानी की है अतः इस बिल्डिंग को ध्वस्त किया जाए| इस संबंध में जब न्यू ऑर्थो नोवा अस्पताल के मालिक से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. अगर वह अपना पक्ष देना चाहें तो हमें मोबाइल नंबर 7528022520 पर संपर्क कर सकते हैं हम उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे|