अमित कुमार यादव, समस्तीपुर
जिले के शाहपुर पटोरी अनुमंडल के तीनों प्रखंडों में संभावित बाढ़ की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है। सभी प्रखंडों में नावों के अधिग्रहण तथा सरकारी नावों की सूची बना ली गई है। साथ ही अन्य आवश्यक सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 2016 में आयी विनाशकारी बाढ़ से सबक लेते एहतियात के तौर पर कई कदम उठाये जा रहे हैं। वैसे क्षतिग्रस्त बांधों की मरम्मत पिछले वर्ष ही कर दी गई और उसकी ऊंचाई भी बढ़ाई गई, किन्तु ऊंचा किए गये बांध के ऊपरी भाग की चौड़ाई इतनी कम है कि वह गंगा की प्रबलता को क्षण भर भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। कहीं-कहीं तो इसकी चौड़ाई पगडंडियों के बराबर है।
इस वर्ष यदि गंगा में पानी बढ़ा तो वैशाली और समस्तीपुर के सीमा से बाढ़ का पानी पूरे अनुमंडल में फैलेगा और प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी बाढ़ की भयावहता से होने वाली क्षति को नहीं रोका जा सकता। पिछले 5 वर्षों से आश्वासन तथा पत्राचार के बावजूद वैशाली जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में गंगा पर बांध नहीं बनाया गया। प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी उसी क्षेत्र से प्रवेश करता है, बावजूद इसके प्रशासन ने इससे सबक नहीं ली। मोहिउद्दीननगर प्रखंड में रक्षा सेवकों की सूची बना ली गई है। इस प्रखंड में बाढ़ से निबटने के लिए 12 अस्थायी शरण स्थली बनाया गया है। इन शरण स्थली पर चापाकल, शौचालय, बिजली की व्यवस्था तथा अन्य चिकित्सीय सुविधाओं के लिए संबंधित विभाग से पत्राचार किया गया है।
प्रखंड में खाद्य भंडारण के लिए 7 स्थलों का चयन किया गया है। निजी और सरकारी स्तर पर 107 बड़े और छोटे नावों की व्यवस्था कर ली गई है। यहां 5 स्थलों पर हेलीपैड का निर्माण कराया गया है। साथ ही आवश्यक दवाओं, सर्पदंश की दवाओं, ब्ली¨चग पाउडर तथा जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति हमेशा बहाल रखने के लिए विभाग को लिखा जा रहा है।