नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू द्वारा सस्पेंड किए गए 9 अधिकारियों के सस्पेंशन आर्डर आने के बाद इस कार्रवाई पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं| बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों के बाद आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्ढा ने इस कार्रवाई को कठघरे में खड़ा किया है|
चड्ढा ने कहा कि बिल्डिंग इंस्पेक्टर रुपेंद्र सिंह टिवाना वर्तमान में नगर निगम का सबसे भ्रष्ट अधिकारी है| इसे अवैध निर्माण के मामले में चार्जशीट भी किया जा चुका है| पिछले 4 सालों के दौरान इस भ्रष्ट अधिकारी ने मॉडल टाउन, अटारी बाजार, कैंचियां वाला बाजार, पीर बोदला बाजार, रैनक बाजार, रेलवे रोड समेत विभिन्न इलाकों में हजारों की संख्या में अवैध निर्माण करवाए और अपनी जेबें भरीं| अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते रुपेंद्र सिंह अभी अपने काले कारनामों को अंजाम देने में लगा हुआ है| रविंद्र पाल सिंह ने मांग की है कि भूपेंद्र सिंह टिवाना की संपत्तियों की जांच कराई जाए, उसके बैंक खातों की जांच कराई जाए और उसके परिजनों के नाम कहां-कहां प्रॉपर्टी है इसकी भी जांच कराई जानी चाहिए|
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से दूूध की रक्षा के लिए बिल्ली को नहीं बैठाया जा सकता उसी प्रकार अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों की रोकथाम के लिए टिवाना को नहीं बिठाया जा सकता| जो खुद ही अवैध निर्माण को संरक्षण दे रहा है वह उनकी जांच क्या करेगा| उन्होंने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि भ्रष्ट इंस्पेक्टर रुपेंद्र सिंह दीवाना को तत्काल सस्पेंड किया जाए और जांच में दोषी पाए जाने पर नौकरी से बर्खास्त भी किया जाए|