नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की कार्रवाई और फटकार के बावजूद नगर निगम के बिल्डिंग विभाग के अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं| ताजा मामला बिल्डिंग इंस्पेक्टर निर्मलजीत वर्मा और एटीपी लखबीर सिंह का है|
बर्तन बाजार में एक साथ तीन अवैध निर्माण चल रहे हैं| एक तरफ अवैध मार्केट बनाई जा रही है तो दूसरी तरफ अवैध दुकानें खड़ी की जा रही हैं| यह इलाका बिल्डिंग इंस्पेक्टर निर्मलजीत सिंह वर्मा और एटीपी लखबीर सिंह के कार्यक्षेत्र में आता है| तंग गलियों में अवैध मार्केट बिना नक्शा पास कराए और नियमों को ताक पर रखकर बनाई जा रही है|
इस ओर निगम अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है| क्योंकि तंग गलियों पर जल्दी किसी की नजर नहीं पड़ती इसलिए बिल्डिंग इंस्पेक्टर खुद ही मिलीभगत करके अवैध दुकानें और मार्केट तैयार करवाते हैं| तंग बाजारों में अवैध निर्माण का यह पहला मामला नहीं है| इससे पहले भी धड़ल्ले से तन अटारी बाजार, कैंचियांवाला बाजार, पतंगों वाली गली, पंजपीर बाजार आदि इलाकों में भी अवैध मार्केट बिल्डिंग इंस्पेक्टर की मिलीभगत से तैयार की गईं| हैरानी की बात तो यह है कि एक अवैध मार्केट की शिकायत निगम कमिश्नर बसंत गर्ग करने के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई| इसके अलावा निर्मलजीत वर्मा के इलाके में कई अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहे हैं| सूत्र बताते हैं कि यह अवैध निर्माण निर्मलजीत वर्मा की मिलीभगत से हो रहे हैं जिसका चढ़ावा एटीपी लखबीर सिंह तक भी पहुंच रहा है|
निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को यह निगम के अधिकारी चूना लगा रहे हैं| निर्मलजीत वर्मा वही बिल्डिंग इंस्पेक्टर हैं जिन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के सामने एमटीपी मेहरबान सिंह के कहने पर अवैध कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई न करने की बात स्वीकार की थी| इसके बाद मेहरबान सिंह ने निगम कमिश्नर बसंत गर्ग पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई करने से मना किया है| एमटीपी मेहरबान सिंह को तो नवजोत सिंह सिद्धू ने सस्पेंड कर दिया लेकिन निर्मलजीत वर्मा को अभय दान दे दिया|
निर्मलजीत वर्मा एसटीपी मोनिका आनंद के करीबी हैं और उनके साथ लुधियाना में भी काम कर चुके हैं| मोनिका आनंद का तबादला जब जालंधर के लिए किया गया तो निर्मलजीत वर्मा पहले से ही जालंधर में तैनात थे| इसके बाद मोनिका आनंद की छत्रछाया में निर्मलजीत वर्मा ने धड़ल्ले से अवैध इमारतों का काम करवाया और अपनी जेबें गर्म की| दिलचस्प बात तो यह है कि निर्मलजीत वर्मा सरकार से हाउस रेंट तो लेते हैं लेकिन वह शहर में नहीं रहते हैं और रोजाना लुधियाना से अप-डाउन करते हैं| जब तक मोनिका आनंद सस्पेंड नहीं हुई थी तब तक निर्मलजीत वर्मा की ही कार में वह लुधियाना से जालंधर आती है और जाती थीं| एसटीपी मोनिका आनंद से नजदीकियों का फायदा निर्मलजीत वर्मा ने जमकर उठाया| कभी उनकी तैनाती नया बाजार और आसपास के इलाके में थी तो कभी यू देव नगर देव नगर और आसपास के एरिया में| रेलवे रोड और रंजीत नगर के इलाके में भी वह तैनात रहे| निर्मलजीत वर्मा जहां जहां भी रहे वहां उन्होंने नगर निगम को जमकर चूना लगाया और अवैध बिल्डिंगें खड़ी करवाईं| अगर निर्मलजीत वर्मा के इलाके में उनके कार्यकाल के दौरान तैयार की गई इमारतों की जांच की जाए तो करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला सामने आ सकता है|