इंदौर : वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को ब्लैकमेल करने वाली पत्रकार सलोनी अरोरा की तलाश में इंदौर पुलिस ने शुक्रवार शाम मुंबई के शास्त्रीनगर इलाके में दबिश दी, लेकिन पुलिस के पहुंचने के पहले ही वह दिल्ली भाग गई। पुलिस ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया है। उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। एमआईजी पुलिस के मुताबिक सलोनी के मोबाइल की जानकारी निकाली तो वह भी फर्जी नाम पर निकला। अफसरों ने उसको कॉल किया तो मोबाइल फोन की बेल बजती रही, लेकिन फोन नहीं उठाया। इसके बाद गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर सीएसपी जयंत राठौर को मुंबई रवाना कर दिया। पुलिस उसके फ्लैट पर पहुंची तो सेंट्रल लॉक लगा था।
मोबाइल लगाने पर फोन की रिंग फ्लैट के भीतर से सुनाई दे रही थी। शाम को मुंबई पुलिस की मदद ली और फ्लैट का ताला तोड़ा गया। भीतर फोन चार्जिंग पर लगा हुआ मिल गया। तलाशी में अलमारी में रखा पासपोर्ट मिल गया। पड़ोसियों ने बताया कि वह सुबह ही निकल गई थी। उसे पता था पुलिस लोकेशन के आधार पर उसे तलाशेगी, इसलिए मोबाइल फोन फ्लैट में ही छोड़ दिया। पुलिस को यह जानकारी भी मिली कि उसने दिल्ली में एक फिल्म वितरक के साथ मुलाकात की है।विदेश भागने की आशंका में डीआईजी ने देर रात सलोनी के विरुद्ध लुकआउट सर्कुलर जारी करवा दिया।
शर्तें नहीं मानीं तो मरने पर विवश कर दूंगी –
पुलिस को गवाहों ने बताया की सलोनी परिवार को बर्बाद करने की धमकी देती थी। उसने कुछ लोगों से यह भी कहा था कि मेरी मांग पूर्ण नहीं करने और उसकी शर्तों पर नौकरी पर वापस नहीं लेने पर मरने पर विवश कर दूंगी। वह पत्नी को जानकारी देने और झूठा केस करने की धमकी देकर तंग करती थी। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक शक है गिरोह में तीन अन्य लोग भी शामिल हैं। उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। सलोनी को पकड़ने के लिए फिल्म वितरक की भी तलाश की जा रही है। दो टीम नीमच में पिता व भाई और एक टीम रतलाम में बहन और जीजा से पूछताछ कर रही है।
भाई और परिवार को लिंक भेजकर बना रही थी दबाव पुलिस के अनुसार सलोनी वरिष्ठ पत्रकार याग्निक को 11 वर्षों से प्रताड़ित कर रही थी। उसने शुरुआत में 25 लाख की मांग की। रुपए देने का आश्वासन मिलते ही मांग बढ़कर 1 करोड़ हो गई। रकम को देने की बात चल रही थी तभी सलोनी पलट गई और 5 करोड़ की मांग करने लगी। ब्लैकमेलिंग की राशि सुनकर कल्पेश ने रुपए देने से इंकार कर दिया। सलोनी ने भाई को वॉइस रिकॉर्डिंग वाट्सएप करना शुरू कर दिया। वह लिंक भेजकर लिखती थी कि मैं बम भेज रही हूं। ओपन करने पर अपशब्द मिलते थे। रिकॉर्डिंग से बचने के लिए वाट्सएप कॉलिंग करती थी.