नीरज सिसौदिया, जालंधर
अनिवार्य प्रमाणीकरण के तहत उत्पाद बनाने वाले उद्यमी किसी भी सूरत में भारतीय मानकों से खिलवाड़ ना करें| ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स लाइसेंस लेने के बाद ही उत्पादों का निर्माण करें| अगर कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के अनिवार्य प्रमाणीकरण की सूची में शामिल उत्पादों का निर्माण करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी| यह बातें ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स चंडीगढ़ की डायरेक्टर और हेड अर्चना रोहेला ने कहीं| वह मंगलवार को जालंधर के प्रेसिडेंट होटल में आयोजित अनिवार्य प्रमाणीकरण के तहत उत्पादन के लिए उद्योग की बैठक व जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं|
अर्चना ने कहा कि जनता को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मुहैया कराने के उद्देश्य से ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की स्थापना की गई थी| खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है| देश भर में इसकी 34 ब्रांच है और 5 रीजनल ऑफिस हैं| 5 रीजनल कार्यालयों में से एक चंडीगढ़ में स्थित है|
अब तक 19000 से भी अधिक प्रोडक्ट्स के लिए स्टैंडर्ड बनाए जा चुके हैं| बीआईएस के दो कार्य होते हैं पहला स्टैंडर्ड बनाना और दूसरा मानकों का पालन| वर्ष 2016 में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड एक्ट में भी बदलाव किया गया है| देशभर में अब तक 30000 से भी अधिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं|
उन्होंने कहा कि दैनिक जीवन में प्रयोग में आने वाले विभिन्न उत्पादों के लिए यह मानक तैयार किए जाते हैं ताकि आम जनता को इसका नुकसान ना उठाना पड़े और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उत्पाद हासिल हो सकें| बैठक में शामिल उद्यमियों से अर्चना ने कहा कि आप सभी उत्पादक होने के साथ-साथ उपभोक्ता भी हैं, इसलिए नियमों का सख्ती से पालन करें. अगर कोई स्टैंडर्ड के बिना सामान बेचता या बनाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि बिना लाइसेंस के बाद मनाते पकड़े जाने पर आईपीसी की धारा 29 के तहत 2 साल की सजा या दो लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं| अगर दूसरी बार पकड़े जाते हैं तो 5 साल की सजा और ₹200000 जुर्माना होगा| इसलिए सभी उद्यमियों से यह अपील है कि वह इंडियन स्टैंडर्ड के अनुसार ही अपने प्रोडक्ट तैयार करें और उनका लाइसेंस जरूर लें| उन्होंने कहा कि अगर आपके पास कोई शिकायत है तो आप उसे विभाग से कर सकते हैं| विभाग उसके 90 दिनों के भीतर कड़ी कार्रवाई करेगा| उन्होंने कहा कि हाल ही में जालंधर की फगवाड़ा गेट मार्केट में विभाग की ओर से छापेमारी की गई थी जिसमें कई दुकानदार पकड़े गए थे| अखिलेश जाने वाले दुकानदारों का कहना था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी| इस पर अर्चना ने कहा कि अब विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं| बाबू सभी को इसकी जानकारी हो चुकी है इसलिए गलत काम ना करें स्टैंडर्ड के अनुसार ही काम करें|
इससे पहले निपमा के प्रेसीडेंट कुलवंत सिंह कलसी वीरेंद्र कलसी, भरत काकड़िया, सीएल गर्ग, इंजीनियर राजकपूर और अन्य लोगों ने अर्चना रोहेला को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया|
इस मौके पर अर्चना रोहिल्ला के साथ चंडीगढ़ से आई असिस्टेंट डायरेक्टर सुरभि आर्या, प्रवीर चौबे, डिप्टी डायरेक्टर दीपक कुमार ने विस्तृत रूप से स्टैंडर्ड के बारे में बताया और उनका अनुपालन करने की अपील उद्यमियों से की|
उन्होंने कहा था कि इंडियन स्टैंडर्ड्स का अनुपालन कराने और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए समय-समय पर जालंधर में सेमिनार का आयोजन किया जाता रहा है और आगे भी किया जाता रहेगा| उन्होंने अपील की कि आप आगे भी लोगों को इसके प्रति जागरुक करें|
इस दौरान कार्यक्रम में शामिल हुए उद्यमियों ने भी डायरेक्टर से कई सवाल पूछे और डायरेक्टर ने इन सभी सवालों का संतोषजनक जवाब दिया|
मौके पर डायरेक्टर अर्चना रोहिल्ला और उनकी टीम ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए इंजीनियर राज कपूर का मंच से धन्यवाद दिया| राज कपूर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से उद्यमियों को विशेष जानकारी मिलती है साथ ही आम जनता तक उत्पादों की सही जानकारी पहुंचाने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराने की दिशा में ऐसे कार्यक्रम काफी सार्थक होते हैं| वह आगे भी प्रयास करेंगे कि इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहें|
इस मौके पर सेक्शन ऑफिसर संगीता सूद, वेद माहेश्वरी और फगवाड़ा की फाइन स्विच गियर कंपनी के मालिक महेंद्र सेठी सहित बड़ी संख्या में अन्य उद्यमी भी उपस्थित थे|