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एटीपी विकास दुअा के काले कारनामे-किस्त दो, पार्किंग में खुलवा दिए शोरूम, कागजोंं मेंं   कार्रवाई

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा मॉडल टाउन की एक बिल्डिंग के सिलसिले में बिल्डिंग इंस्पेक्टर अरुण खन्ना को सस्पेंड कर दिया गया था| साथ ही एटीपी, एमटीपी और एसटीपी को नियमों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए गए थे| इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही और बिल्डिंग विभाग में फिर सेे भ्रष्टाचार चरम पर आ गया है| सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार में वह अधिकारी लिप्त हैं जो है ड्राफ्टमैन से एटीपी बनाए गए हैं| इनमें पहले नंबर पर assistant टाउन प्लानर विकास दुआ का नाम है।
विकास दुआ के पास मॉडल टाउन जैसा पॉश इलाका है| साथ ही बस स्टैंड और आसपास का इलाका भी उन्हीं को दिया गया है| जहां पहले असिस्टेंट टाउन प्लानर राजेंद्र शर्मा तैनात थे. वह एरिया अब विकास दुआ को दे दिया गया है| शर्मा के कार्यकाल के दौरान जहां अवैध इमारतों को रोक दिया गया था वहीं विकास दुआ के आने के बाद यह काला खेल फिर से शुरू हो गया है| आलम यह है कि मॉडल टाउन में तमाशा और वागा फैशन जैसे बड़े संस्थानों ने भी खुलकर नियमों की धज्जियां उड़ाने शुरू कर दी है| बात सिर्फ तमाशा और वागा फैशन की नहीं है बल्कि मॉडल टाउन में ऐसे कई शोरूम है जो पार्किंग की जगह पर खोल दिए गए हैं| नक्शे में इन इमारतों में पार्किंग की जगह पास कराई गई थी लेकिन अब वहां पर शोरूम संचालित किए जा रहे हैं| सूत्र बताते हैं कि इन इमारतों के मालिकों से विकास दुआ ने रिश्वत की मोटी रकम ली है| आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्ढा ने इसकी विजिलेंस जांच कराने और विकास दुआ के खिलाफ विभागीय व कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है| चड्ढा ने कहा कि गुरुद्वारा फेरूमान के पास वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध रूप से बिल्डिंग तैयार की गई है जिसमें एटीपी विकास दुआ और एटीपी लखबीर सिंह ने मोटी रकम रिश्वत की ली है| यही वजह है कि कार्रवाई के नाम पर इस बिल्डिंग में सिर्फ खानापूर्ति की गई है जबकि पूरा का पूरा ढांचा अब भी वैसा ही खड़ा है। इसके अलावा बस स्टैंड के पीछे गढ़ा रोड पर भी अवैध रूप से कॉमर्शियल इमारत बनाई जा रही है| सूत्र बताते हैं कि इस इमारत को बनाने के लिए भी विकास दुआ ने रिश्वत की मोटी रकम ली थी|
विकास दुआ के काले कारनामों ने यह साबित कर दिया है कि नवजोत सिंह सिद्धू चाहे जितना जोर लगा लें लेकिन बिलि्डंग ब्रांच से भ्रष्टाचार खत्म नहीं कर पायेंगे| विकास दुुुआ जैसे अफसर ये होने ही नहीं देंंगे.

बहरहाल नगर निगम के बिल्डिंग विभाग में सिर्फ चेहरे बदले हैं, काम करने का तरीका नहीं बदला| केंद्र सरकार की जमीनों पर एटीपी की मिलीभगत से अवैध इमारतों का निर्माण किया जा रहा है|

वक्फ बोर्ड की जमीन पर बन रही अवैध बिल्डिंग

अगर विकास दुआ के कार्यकाल के दौरान बनी हुई अवैध इमारतों और अवैध शोरूमों की विजिलेंस जांच की जाए तो कई अहम खुलासे हो सकते हैं। चड्ढा ने ऐसे भ्रष्ट एटीपी को डिसमिश करने की मांग की है.

एटीपी विकास दुआ के काले कारनामों से हम आपको आगे भी अवगत कराएंगे| अगली किस्त में हम बताएंगे कि विकास दुआ के कार्यक्षेत्र में आने वाले वह कौन-कौन से इलाके हैं और वह कौन-कौन सी बिल्डिंगें हैं जो अवैध रूप से विकास दुआ के एटीपी बनने के बाद तैयार की गई| विकास दुआ के काले कारनामों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिए इंडिया टाइम 24 डॉट कॉम|

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