नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के दौरे के बाद भी नगर निगम का बिल्डिंग विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा| आलम यह है कि सरकारी जमीन पर बनाई गई अवैध बिल्डिंग के खिलाफ भी कार्रवाई करने को विभागीय अधिकारी तैयार नहीं है| ताजा मामला गुरुद्वारा फेरूमान के पास सरकार सरकारी जमीन पर बनाई जा रही अवैध बिल्डिंग का है| रविंदर पाल सिंह चड्ढा ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और नवजोत सिंह सिद्धू से की है|
चड्ढा ने बताया कि नगर निगम के भ्रष्ट एटीपी लखबीर सिंह और एटीपी विकास दुआ के काले कारनामों के चलते सरकारी जमीन पर अवैध बिल्डिंग तैयार करवाई जा रही हैं| चड्ढा ने कहा कि एटीपी लखबीर सिंह और विकास दुआ ने रिश्वत की मोटी रकम लेकर यह बिल्डिंग तैयार करवाने का ठेका लिया है| यही वजह है कि जब इस बिल्डिंग को डिमोलिश करने के आदेश जारी किए गए तो भी दो बार डिच ले जाकर लखबीर सिंह ने केवल ड्रामा किया। बिल्डिंग को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं किया गया जिसके चलते बिल्डिंग की दीवारें आज भी खड़ी हैं और उस पर सरिया डाला जा रहा है इसके बाद लेंटर डालने की तैयारी है| रविंद्र पाल सिंह ने पूछा है कि क्या यह इलीगल बिल्डिंग वैध हो गई है? क्या इस बिल्डिंग का नक्शा नगर निगम ने पास कर दिया है? अगर नहीं किया है तो फिर भ्रष्ट एटीपी हेड क्वार्टर लखबीर सिंह एटीपी विकास दुआ और बिल्डिंग इंस्पेक्टर नवजोत इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे? चड्ढा ने इन तीनों के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि अगर उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया तो वह इसके खिलाफ अदालत जाएंगे|
इसके अलावा चड्ढा ने 23 अन्य बिल्डिंग ओं के खिलाफ भी हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है इस संबंध में उन्होंने नगर निगम के बिल्डिंग विभाग को नोटिस भी वकील के द्वारा भेजा है| इन बिल्डिंग को में सबसे ऊपर कांग्रेस पार्षद गुल्लू की होटल रेड बैटल के साथ वाली अवैध बिल्डिंग का नाम शामिल किया गया है| आरोप है कि नगर निगम के भ्रष्ट एटीपी हेड क्वार्टर लखबीर सिंह ने रिश्वत की मोटी रकम लेकर इस बिल्डिंग की सील खुलवा दी जबकि खुद चीफ विजिलेंस अफसर ने जांच के बाद यह रिपोर्ट दी थी कि गुल्लू की बिल्डिंग में 16 फुट जगह को अवैध रूप से कवर किया गया है जिसे डिमोलिश किया जाना चाहिए| बता दें कि रविंदर पाल सिंह की शिकायत के बाद नगर निगम ने गुल्लू की बिल्डिंग सील कर दी थी लेकिन बाद में आरोप है कि एटीपी लखबीर सिंह ने रिश्वत की मोटी रकम लेकर इस बिल्डिंग की सील खोल दी और अब इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है| इसी तरह होटल रेड पैटर्न की अवैध बिल्डिंग के खिलाफ भी नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है| इसी तरह शहीद बाबू लाभ सिंह नहर के किनारे राजू सिक्का की अवैध दुकानों के खिलाफ भी नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही लाल पैथ लैब के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है|
चड्ढा ने 23 अवैध बिल्डिंग ओं के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है और इस संबंध में नोटिस भी नगर निगम को भेज दिया गया है| इन 23 अवैध बिल्डिंग में पार्षद गुल्लू की अवैध बिल्डिंग नानक ढाबे के सामने अवैध बिल्डिंग सुरजीत ट्रांसपोर्ट की अवैध बिल्डिंग नानक ढाबे की अवैध बिल्डिंग राजू सिक्का की अवैध मार्केट, रंजीत हॉस्पिटल पटेल चौक की अवैध बिल्डिंग, बाबू लाभ सिंह नगर में स्थित परमजीत कमांडो की अवैध बिल्डिंग, जसवाल की अवैध बिल्डिंग, मॉडल टाउन 1b अवैध बिल्डिंग, अंडर ब्रिज मकसूदा में बनी अवैध बिल्डिंग, 3बी मॉडल टाउन की अवैध बिल्डिंग, विरासत हवेली की अवैध बिल्डिंग, डॉ लाल पैथ की अवैध बिल्डिंग समेत अन्य बिल्डिंग में शामिल हैं।
चड्ढा का कहना है कि वह ना सिर्फ इन बिल्डिंग के डिमोलिशन के लिए हाई कोर्ट जा रहे हैं बल्कि नगर निगम की भ्रष्ट एटीपी हेड क्वार्टर लखबीर सिंह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि सारे नियम कानून सिर्फ गरीब आदमी की बिल्डिंग को ही डिमोलिश करने के लिए लागू होते हैं बाकी अमीरों की बिल्डिंग उनको पूरी तरह से संरक्षण दिया जाता है और इस पूरे काले खेल का सूत्रधार एटीपी हेड क्वार्टर लखबीर सिंह है जो इन दिनों नगर निगम कमिश्नर का करीबी बनकर उन को गुमराह करने में लगा हुआ है|