नीरज सिसौदिया, जालंधर
हाईकोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए नगर निगम हाउस की मीटिंग में आज शहर के नालों का सौदा करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। देश भर में यह अपनी तरह का पहला मामला होगा जहां नगर निगम सरकारी नालों को अवैध कब्जे धारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बेचने की तैयारी कर रहा है| इससे उन अवैध कब्जे धारियों में भी खुशी है जिन्होंने नालों पर अवैध कब्जा करके दुकानें बनाई हैं| यह सारा खेल एक कांग्रेस पार्षद के पति और 11 अवैध कब से धारियों को लाभ पहुंचाने के लिए खेला जा रहा है|
बता दे कि लगभग 1 साल पहले माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने नया बाजार की लगभग 90 से भी अधिक दुकानों के अवैध कब्जे गिराने का आदेश जालंधर नगर निगम को दिया था| देखते ही देखते साल भर से भी अधिक का वक्त गुजर गया लेकिन नया बाजार से उन दुकानों का अवैध कब्जा अभी तक नहीं हटाया गया जो नालों पर बनाई गई थी| इनमें से 11 दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानों के अवैध कब्जे गिरा दिए गए हैं| सूत्र बताते हैं कि इन 11 दुकानदारों को बचाने का जिम्मा एक कांग्रेस पार्षद के पति ने उठाया है| सूत्र यह भी बताते हैं कि कांग्रेस पार्षद के पति ने उप दुकानदारों से मोटी रकम लेकर उन्हें अवैध कब्जे ना गिराने की सलाह दी और नगर निगम से भी उनकी सेटिंग कराई| साथ ही अब नगर निगम के हाउस में नालों को बेचने का प्रस्ताव डाला जा रहा है। इस खेल में एक वह नेता भी शामिल है जो भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुआ था| नगर निगम हाउस की बैठक में नालों को बेचने का प्रस्ताव लाने पर नया बाजार के दुकानदारों में भी खुशी की लहर है जिनकी नालों पर बनी दुकानों नगर निगम ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद गिरा दी थी| उनका कहना है कि वह भी फीस देने को तैयार हैं और उन्हें भी नाले पर कब्जे करके दुकान बनाने का अधिकार दे दिया जाए| सूत्र बताते हैं कि नगर निगम हाउस की बैठक में नालों पर कब्जे देने का जो प्रस्ताव लाया जा रहा है उसके तहत नाले पर अवैध कब्जा करने वाले दुकानदारों से कुुछ राशि फीस के रूप में लेकर उन्हें वहां अवैध कब्जा करने का अधिकार दे दिया जाएगा| यह प्रस्ताव पास करके नगर निगम के मेयर जगदीश राज राजा इतिहास रचने जा रहे हैं| राजा वह करने जा रहे हैं जो पूरे हिंदुस्तान में आज तक कोई भी नगर निगम का मेयर नहीं कर पाया| वहीं हाई कोर्ट का आदेश हवा में उड़ाते हुए एटीपी हेड क्वार्टर लखबीर सिंह हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहे और उन्होंने नया बाजार की 11 दुकानों की अवैध कब्जे गिराने की जहमत नहीं उठाई|
हां, हाईकोर्ट की आंखों में धूल झोंकने के लिये उन्होंने इन 11 दुकानदारों को तीन दिन का अल्टीमेटम देने का ड्रामा जरूर रचा था. अब तीन दिन की जगह तीन महीने बीतने को हैं लेकिन नया बाजार के अवैध कब्जे नहीं हटाए गए. निगम कमिश्नर आैर एटीपी हेडक्वार्टर मिलकर हाईकोर्ट का मजाक बनाने में लगे हैं.
सूत्र बताते हैं कि एटीपी लखबीर सिंह और नगर निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने भी रिश्वत की मोटी रकम लेकर अवैध कब्जों को संरक्षण दिया है|