नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर के पूर्व मेयर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेश सहगल ने अवैध निर्माण रोकने गये बिल्डिंग इंस्पेक्टर दिनेश जोशी की जमकर पिटाई की. किसी तरह जान बचाकर जोशी वहां से भाग खड़े हुए. यह सारा खेल पत्रकारों और जनता के सामने हुआ. दिनेश जोशी को बचाने वाला मौके पर कोई भी नहीं था. सुरेश सहगल ने दिनेश जोशी पर दस हजार रुपए रिश्वत मांगने पर पीटने की बात कही है.
दरअसल फगवाड़ा गेट और भगत सिंह चौक के इलाके में पिछले कुछ दिनों में काफी अवैध निर्माण हो रहे थे लेकिन निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की. इनमें से कुछ अवैध निर्माण एक स्थानीय विधायक की शह पर हो रहे हैं जिसके चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन आम आदमी द्वारा जो अवैध निर्माण किया जा रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई करने बिल्डिंग इंस्पेक्टर दिनेश जोशी पहुंच गये. आरोप है कि जोशी दस हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे जिस पर मकान मालिक ने पूर्व मेयर सुरेश सहगल को बुला लिया. सहगल मौके पर पहुंचे तो इंस्पेक्टर से कहासुनी हो गई। मकान मालिक ने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर ने उससे 10,000 रुपए रिश्वत मांगी। पूर्व मेयर सुरेश सहगल के मुताबिक, उनके क्षेत्र फगवाड़ा गेट में गरीब ब्राह्मण परिवार नानकशाही ईंटें निकाल कर नई दीवार बना रहे थे। जिस बारे नोटिस आया था।
पूर्व मेयर ने आरोप लगाया कि बिल्डिंग इंस्पेक्टर द्वारा बिल्डिंग मालिक से 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि इस जगह के आगे मेन रोड पर 3 दुकानें बनी हुई हैं। अगर इस स्थान को कब्जा बताया जा रहा है तो वे 3 दुकानें भी कब्जे वाले स्थान पर बनी होंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है।
इंस्पेक्टर को ये अवैध निर्माण नजर क्यों नहीं आता
हैरानी की बात तो यह है कि यहां भगत सिंह चौक के आगे तीन मंजिला कामर्शियल अवैध निर्माण करवा कर लैंटर डाला जाता है, लेकिन इंस्पैक्टर महोदय को यह कामर्शियल निर्माण नजर नहीं आता। इलाके के लोगों ने कहा है कि इंस्पैक्टर पैसे लेकर अवैध रूप से तीन मंजिला कामर्शियल इमारत खड़ी करवा रहे हैं, उन्हें रोकना वाला कोई नहीं है। और कोई गरीब पुराना घर बनाने लगे तो रुकवाने पहुंच जाते हैं।