सावधान! अाने वाला समय देश अौर सत्तारूढ़ पार्टी के लिए ठीक नहीं है। ये हम नहीं बल्कि ग्रह-दशा कह रहे हैं। यदि अाप ग्रह चाल पर विश्वास करते हैं तो अाने वाले दिनों में भारत-पाकिस्तान सीमाअों पर तनाव बढ़ने के साथ अशांति फैल सकती है। ये भविष्यवाणी पंजाब के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ ने की है। इनके द्वारा पहले भी की गई कई भविष्यवाणियां सिद्ध साबित हो चुकी हैं, चाहे पेट्रोल-डीजल के दामों में गिरावत की रही हो या फिर सर्राफा बाजार में उतार-चढ़ावा।
ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ का कहना है कि यह समय जनसाधारण के लिए उत्सव का समय है। लेकिन 6 नवंबर को मंगल देव कुंभ राशि में आ जाएंगे और शनि दृष्ट हो जाएंगे। इसी दौरान 10 नवंबर को गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे, जो 7 दिसंबर को उदय होंगे। यह समय प्रकृति और देश के लिए अनुककूल नहीं है। ग्रहों का परिवर्तन सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सही नहीं होगा। देश की सीमा पर तनाव चरम सीमा की ओर जाने की संभावना है। भारत और पाकिस्तान की सरकारें अपने देश में अशांति को अोर अपने प्रति बढ़ रहे आक्रोश को सीमा विवाद की ओर प्रेरित करती नजर आएंगी।
प्रत्यक्ष रूप में 6 नवंबर से 15 दिसंबर का समय जहां सत्तारूढ़ पार्टी के लिए मंगलकारी नहीं है। यह समय वृष मिथुन सिंह तुला वृश्चिक धन राशि के लिए तनावपूर्ण और मानसिक अशांति वाला होगा। 16 नवंबर को सूर्य देव वृश्चिक राशि में आ जाएंगे और राहु दृष्ट हो जाएंगे, यह सभी घटनाएं अमंगल की प्रतीक हैं। जहां भारत के लिए यह समय अनुकूल नहीं है, उसी तरह विश्व में वृष राशि वाले देश गंभीर बीमारी या प्राकृतिक आपदा को देखेंगे। इस दौरान आईएस संगठनों को भयानक हथियारों की परोक्ष रूप से प्राप्ति हो सकती है, जो वृष और मेष राशि वाले देशों के लिए भयंकर होगा। जनसाधारण के लिए यह समय महंगाई मुश्किल से निर्वाह करने वाला समय होगा। ऊपर दी गई राशि वाले व्यक्ति गृह क्लेश और आर्थिक मोर्चे पर असफल होते नजर आएंगे।
गृह क्लेश और राजनीतिक अस्थिरता को दूर करने, प्राकृतिक आपदाओं से बचाने, हानि अौर भय को दूर करने के लिए मां जगत जननी की उपासना करने की अति अावश्यकता है। देश के हर कोने में स्थापित शक्तिपीठ और जहां शक्तिपीठ नहीं है वहां देवी दुर्गा के मंदिर में मंगला गौरी का जाप करें और हवन करें। भारत भगवान की धरती है, माता गौरी इसकी मां हैं यदि कुछ समझ ना आए तो इस मंत्र के द्वारा पूजा-पाठ और हवन करवाएं। देश हित, परिवार हित में यह जरूरी है। जनहित में यह जरूरी है।
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
समय बलवान होता है समय से पहले किया हुआ पुण्य ही अरिष्ट समय में काम आता है।
नरेश नाथ, ज्योतिषाचार्य