जम्मू-कश्मीर

विद्यार्थियों में भारतीयता, समानता, धर्म निरपेक्षता और कर्तव्य का भाव विकसित करें शिक्षक : राजेदर जी

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नीरज सिसौदिया, रामबन (जम्मू-कश्मीर)
आतंकवाद और बेबसी से जूझते जम्मू-कश्मीर में विद्या भारती शिक्षा की बारिश से आतंक की आग को बुझाने का सकारात्मक प्रयास कर रहा है. विद्या भारती के स्कूलों में बचपन से ही बच्चों को समानता और धर्म निरपेक्षता की शिक्षा दी जा रही है. इसी कड़ी में भारतीय विद्या मन्दिर रामबन में नवीन शिक्षकों के एक प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया. इसमें आज का प्रमुख विषय भारतीयता का प्रचार व प्रसार रहा.


मुख्य वक्ता राजेंदर जी, क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख विद्या भारती ने प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की कई विशेषताएं हैं. हमें अपने स्कूलों के विद्यार्थियों को संस्कृति की शिक्षा देनी होगी जो हम दे भी रहे हैं. हमें बच्चों को भारतीयता, समानता, धर्म निरपेक्षता और सकारात्मकता का भाव विकसित करना है. साथ ही उसका प्रचार प्रसार भी करना होगा क्योंकि अगर हम अच्छी बातों का प्रचार प्रसार नहीं करेंगे तो दुष्प्रचार होगा. उन्होंने कहा कि धर्म का संस्कृति में होना बेहद जरूरी है क्योंकि जहां धर्म नहीं होता वहां अधर्म होता है.
उन्होंने प्रशिक्षण में पहुंचे विद्या भारती के शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने लक्ष्य का हमेशा ध्यान रखें क्योंकि लक्ष्य हमेशा आपका पीछा करता रहता है.


इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के सह संगठन मंत्री विजय नड्डा ने दीप प्रज्ज्वलित कर आज के सत्र का शुभारंभ किया. विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रदीप सिंह ने सभी अतिथियों का परिचय कराया. सत्र के दौरान विद्या भारती जम्मू कश्मीर प्रांत के सचिव समीर सप्रू व विभिन्न विद्यालयों के 29 शिक्षक उपस्थित रहे.

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