झारखण्ड

विश्व में हिंदू धर्म को बढ़ाने में विवेकानंद की अहम भूमिका : जीपी सिंह

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
बोकारो थर्मल में समाजिक जन संगठन भारत विकास परिषद के तत्वावधान में शनिवार को स्वामी विवेकानंद के 156 वीं जयंती मनायी गयी। जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि परिषद के राष्ट्रीय चैयरमैन जीपी सिंह, विशिष्ट अतिथि परियोजना प्रधान कमलेश कुमार व मुख्य अभियंता निखिल चैधरी ने स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा पर पूष्प अर्पित कर उन्हें याद किए। तत्पशात चैयरमैन जीपी सिंह ने कहा कि संत रामकृष्ण के मुख्य शिष्य थे। आध्यात्मिकता से परिपूर्ण विवेकानंद ने भारत में हिंदू धर्म को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभायी। विवेकानंद को शिकागो में विश्व धर्म महासभा में बोलने का मौका नहीं दिया गया।

बाद में विवेकानंद को दो मिनट बोलने का मौका मिला, तो विश्व भर से आये संन्यासियों में सबसे अच्छा हिंदू धर्म पर बोले। स्वामी विवेकानंद के दिखाये राह पर चलने का आह्वान किया। प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार ने कहा कि पूरा विश्व आज युवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अलावे विवेकानंद जी की जीवनी पर प्रकाश डाले। स्वामी जी के संदेश हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। स्वामी विवेकानंदजी आधुनिक भारत के एक महान चिंतक, महान देशभक्त, दार्शनिक, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत और एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। भारतीय नवजागरण का अग्रदूत यदि स्वामी विवेकानंद को कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाई कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेन्द्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढर्रे पर चलाना चाहते थे, परंतु उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं। नरेन्द्र की बुद्धि बचपन से ही बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 16 वर्ष की आयु में कलकत्ता से एंट्रेंस की परीक्षा पास की और कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की। स्वामी विवेकानंद (नरेन्द्र) नवंबर,1881 ई. में रामकृष्ण से मिले और उनकी आंतरिक आध्यात्मिक चमत्कारिक शक्तियों से नरेन्द्रनाथ इतने प्रभावित हुए कि वे उनके सर्वप्रमुख शिष्य बन गए। और स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की। मुख्य अभियंता निखिल चैधरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति एवं हिन्दू धर्म के प्रचारक-प्रसारक एवं उन्नायक के रूप में जाने जाते हैं। विश्वभर में जब भारत को निम्न दृष्टि से देखा जाता था, ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1883 को शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म पर प्रभावी भाषण देकर दुनियाभर में भारतीय अध्यात्म का डंका बजाया। 11 सितंबर 1893 को विश्व धर्म सम्मेलन में जब उन्होंने अपना संबोधन ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’ से प्रांरभ किया तब काफी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट होती रही। स्वामी विवेकानंद के प्रेरणात्मक भाषण की शुरुआत श्मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों के साथ करने के संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। समारोह में उप मुख्य अभिंयता बीके मंडल, अरूण कुमार, वीएन शर्मा, दीपक कुमार, आनंद प्रकाश मेहता, एचएम प्रजापति, एसपी चैधरी, विपीन कुमार, कुदंन झा, अरिजीत देवनाथ, बलवंत यादव, प्रभात सिन्हा, एसपी सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।

विवेकानंद के सिद्धांतों पर चलें युवा- टिकैत
सुरक्षा बल के जवानों को सम्मानित किया गया
ऊपरघाट के पलामू में युवा नेहरू केन्द्र के द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस समोराह का आयोजन किया गया। समोराह के अतिथि जिला परिषद सदस्य टिकैत कुमार महतो, सांसद प्रतिनिधि तारकेश्वर महतो, स्वदेशी जागरण के कौशल किशोर, मुखिया बेवी देवी ने स्वामी विवेकानंद जी के प्रतिमा पर पूष्पांजलि अर्पित किया। नेहरू युवा केन्द्र के द्वारा पलामू पंचायत से देश व राज्य सुरक्षा में योगदान रहेेेेेेें युवक-युवतियों को सम्मानित किया गया। समारोह की शोभा बढाते हुए बच्चे बच्चियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रर्म भी प्रस्तुत किए। समारोह को संबोधित करते हुए जिप सदस्य टिकैत कुमार महतो ने कहा कि हम युवाओं को स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों पर चलकर अपने लक्ष्य प्राप्त करें । विश्व के अधिकांश देशों में कोई न कोई दिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1985 ई. को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया। भारतीय केंद्र सरकार ने वर्ष 1984 में युवा वर्ष मनाने का फैसला किया था। राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस (12 जनवरी) पर वर्ष 1985 से मनाया जाता है। भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती अर्थात 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। सांसद प्रतिनिधि तारकेश्वर महतो एंव कौशल किशोर ने कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी अलग-अलग क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर है। भारत देश को युवाओं की जरूरत है। इस मौके पर युवा नेहरू केंद्र के प्रेम कुमार महतो, उपप्रमुख विशनाथ महतो, रामकुमार मरांडी, मनोज महतो, बासूदेव शर्मा, रामेश्वर महतो, हरिलाल महतो, रेवतलाल महतो, महेंद्र महतो, विश्वनाथ महतो, भगरीरथ महतो सहित सैकड़ौं ग्रामीण युवकव युवतियां उपस्थित थे।
फोटो-बोकारो थर्मल में स्वामी विवेकानंद के 156 वीं जयंती में शामिल परिषद व डीवीसी के अधिकारी। पलामू में महिला पुलिस कर्मी को सम्मानित करते अतिथि व उपस्थित युवक व युवतियां।
पलामू में इन्हें किया गया सम्मानित

इंडियन आर्मी के मनोज कुमार महतो, आइटीबीपी के होरिल महतो, आरआरबी के चंद्रदेव महतो, एसएसबी के उमेश कुमार महतो, जिला पुलिस के शिवप्रसाद महतो व देवंती कुमारी, सीआईएसएफ के दिलीप रविदास तथा बैंक ऑफ इंडिया के पीओ लालमणी महतो को नेहरू युवा केंद्र ने मंच पर सम्मानित किया। सम्मानित सभी एक पिछडा छोटा सा गांव से आते है।

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