झारखण्ड

ऊपरघाट के कई गांवों में उखमा का बहिष्कार

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना 
बेरमो अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट में उखमा कुप्रथा का विरोध अब कई गांवों में शुरू हो गया है। अब इस अंधविश्वास से हटकर लोगों में जागरूकता आई है। मंगलवार को नारायणपुर पंचायत में इसका इसका विरोध शुरू हो गया है। इसके बाद पिपराडीह, कंजकिरो, पलामू, कुंभियाबेडा, पिलपिलो, मुंगो-रंगामाटी पंचायत सहित अन्य गांवों में युवाओं ने रैली निकालकर उखमा कुप्रथा का विरोध करते हुए बहिष्कार का आह्वान किया। ग्रामीणों ने आमलोगों से भौजी साड़ी ना लेने और ना देने की शपथ दिलाई।

नारायणपुर और कोठी में नवयुवक संघ एकता मंच के बैनर तले भौजी-ननद साड़ी के विरोध में जागरूकता रैली निकाली। जो विभिन्न टोला-मुहल्ला से गुजरते हुए सदर गां पहुंचा। रैली में ननद-भौजी साड़ी लेना बंद करो के नारे लगे।
बिगड़ रहा है घर का बजटः इस कुप्रथा के तहत ननद मायके पहुंचकर अपनी भाभी का उपहार स्वरूप साड़ी एवं श्रृगार के समान भेंट करती है। भाभी इस साड़ी को पहनकर पूजाकर परिवार के खुशहाली की कामना करती है। इस कुप्रथा में फंसे लोगांे का कहना है कि कोई महिला इसे अंधविश्वास समझकर साड़ी पहुंचाने से इंकार करें, तो इसका परिणाम परिवार वालों पर बड़ी विपति आती है। ससुराल से ननद अपने मायके पहुंचकर भाभी को साड़ी देने की होड़ मची हुई है। व्यापारियों की चांदी हो रहीं है। अंधविश्वास के इस जाल में फंसकर कई महिलाएं कर्ज के बोझ तले दब भी रहीं है। इस अंधविश्वास से हटकर अब लोगों में जागरूकता लाने की अच्छी पहल हो रहीं है। नवयुवक समिति नारायणपुर के सचिव खगेंद्र कुमार महतो, जगरनाथ महतो, ज्ञान विज्ञान समिति के सुभद्रा देवी, बंसती देवी पिंकी देवी चिंता देवी और कंजकिरो के मुखिया योगेंद्र कुमार रंजन तथा कोठी के भाकपा डुमरी विस प्रभारी नुनूचंद महतो, मुखिया प्रतिनिधि झरीलाल महतो और समाजसेवी भुवनेश्वर महतो, राजू पटेल, कामेश्वर महतो, अनिता देवी, थानुलाल महतो, रोहित महतो अदि ने प्रशासन से भी पहल कर इस कुप्रथा पर रोक लगाने की मांग की है।

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