हरियाणा

फार्मासिस्टों ने जताया रोष, हक के लिए भरी हुंकार, 5 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री से मिलेंगे 

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संजय राघव, सोहना 

एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ़ हरियाणा के राज्य के सभी फार्मासिस्ट आज अम्बाला में एकत्रित हुए और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रतिनिधि को राज्य प्रधान विनोद दलाल की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग हरियाणा में कार्यरत , ई एस आई में कार्यरत व एन एच एम , मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना , यू एच सी व पालीक्लिनिक फार्मासिस्ट , एच एम सी एल में अनुबंधित एवं इ एम टी ने अपनी मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री जी को कहा कि एक फार्मासिस्ट स्वास्थ्य संस्था की रीढ़ होता है व् अपने कार्य के अतिरिक्त हर जिम्मेवारी का निर्वाह बेहतरीन तरीके से करता है चाहे वो डॉक्टर की अनुपस्तिथि में संस्था का इंचार्ज का कार्य हो , चाहे जन्म मृत्यु रिकॉर्ड संबंधी कार्य हो.

जब भी कोई संस्था में ज्यादा जिम्मेवारी वाला कार्य हो ,एक फार्मासिस्ट ही याद आता है पर विडंबना यह है कि जब हक देने की बात आती है तो पीछे धकेल दिया जाता है। जहां स्टाफ नर्स का ग्रेड पे 4600 / है वहीं फार्मासिस्ट को 4200 / ही दिया जा रहा है जो भेदभावपूर्ण है।
ज्ञापन देने के बाद एक महत्वपूर्ण राज्य स्तर की बैठक का आयोजन अग्रवाल धर्मशाला में हुआ|

बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया कि अगर सरकार का रुख सही नही रहता है तो 6 तारीख को सभी फार्मासिस्ट पंचकूला में धरना देंगे जिसका ज्ञापन मंत्रीजी को दे दिया है, बैठक की अध्यक्षता राज्य प्रधान विनोद दलाल ने की | यह जानकारी देते हुए एसोसिएशन के प्रैस सचिव Ishwer Dutt ने बताया कि बैठक में सभी ने फार्मासिस्ट वर्ग की लगातार उपेक्षा पर चिंता व्यक्त की एवं इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया | बैठक को संबोधित करते हुए राज्य प्रधान विनोद दलाल ने सरकार के रवैये पर रोष जताते हुए कहा कि यह विडंबना ही है कि स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा जिम्मेवारी उठाते हुए काम के बोझ से दबे फार्मासिस्ट वर्ग की और सरकार बिलकुल ध्यान न देकर उनका शोषण कर रही है | उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा कि एक क्लर्क राजपत्रित पद तक पहुंच जाता है पर फार्मासिस्ट प्रमोशन चैनल न होने के कारण उसी पद से रिटायर हो जाता है | राज्य प्रधान ने सरकार को चेताया कि ,जहाँ एक फार्मासिस्ट को बारह तरह के कार्यो की जिम्मेदारी लिखित में दी हुयी है वहीँ चिकित्स्क की अनुपस्तिथि में स्वास्थ्य केन्द्रो में इंचार्ज की भूमिका में भी होता है | सरकार जानबूझकर अनजान बनते हुए इस वर्ग की मांगो की तरफ ध्यान नहीं दे रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है | उन्होंने सरकार से मांग की कि फार्मासिस्ट जो स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है उन्हें 4600 /- ग्रैड पे दिया जाये और केंद्र सरकार की तर्ज पर शब्दावली में बदलाव कर फार्मेसी ऑफिसर का पदनाम दिया जाये। उन्होंने कहा कि एक फार्मासिस्ट हर तरह के मरीजों से सीधे सम्पर्क में रहता है एवं टीकाकरण भी करता है सो फार्मासिस्ट वर्ग को जोखिम भता दिया जाना चाहिए । सरकार को चाहिए कि वो फार्मासिस्ट को डॉक्टर की तर्ज पर एन पी ए दिया जाये।

|बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य सचिव बलबीर श्योराण ने सरकार को चेताया कि अगर समय रहते इस शांतिप्रिय वर्ग की मांगे न मानी गयी तो राज्य स्तरीय आंदोलन से गुरेज नहीं किया जायेगा। बैठक में कोषाध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने एसोसिएशन के खर्चे का ब्यौरा रखा।
बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने फार्मासिस्ट वर्ग के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैये के लिए रोष जताया और जल्द ही राजयस्तरीय आंदोलन की रूप रेखा बनाने पर सहमति दी | इस अवसर पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनिल परमार ,अरुण कुमार , धर्मपाल फरीदाबाद भिवानी से वीरेंद्र सहारण ,कैथल से कुलदीप चीमा , बलजीत सिंह , बलविंदर सिंह ,पंचकूला से पुनीत, सोनिका , हरजिंदर , फतेहाबाद से सतीश, कृष्ण कुमार , रोहतक से जगपाल, रविन्द्र, हिसार से नीरू भाटिया , सुरेश शर्मा , रामनिवास , रमेश , राजबीर सिंह ,झज्जर से आर के दहिया ,अनिल हुडा, जगदीप सिंह , संजय कुमार, राकेश कुमार , सतपाल ,जसमेर , रोहित कौशिक , राजेश सिंगला करनाल , सुमित सिंगला राजेश अग्रवाल कुरुक्षेत्र समेत राज्य भर के इ एस आई में कार्यरत व एन एच एम , मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना , यू एच सी व पालीक्लिनिक फार्मासिस्ट , एच एम सी एल में अनुबंधित एवं इ एम टी आदि हजारों फार्मासिस्ट उपस्तिथ थे |

फार्मासिस्ट वर्ग की मुख्य मांगे इन बॉक्स
1 वेतन में संशोधन कर 4600 /- ग्रेड पे दिया जाये।
2 प्रमोशन चैनल बनाया जाये |
3 डिप्टी डायरेक्टर का पद भरा जाये।
4 फ़ूड व ड्रग विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर का पद सरकारी फार्मासिस्ट के प्रमोशन चैनल द्धारा भरा जाये।
5 फार्मासिस्ट के पद हेतू जरूरी शिक्षा बी फार्मेसी की जाये।
6 जोखिम भता दिया जाए।
7 नए पद सृजित किये जाये व् रिक्त पदों पर तुरंत भर्ती की जाए | (मौजूदा पद 1970 से सृजित है )
8 फार्मासिस्ट को डॉक्टर की तर्ज पर एन पी ए दिया जाये।
9 25 प्रतिशत का बहुउदेशीय वर्कर व लैब तकनीशियन द्धारा प्रमोशन से भरे जाने वाला कोटा खत्म किया जाये।
10 एन एच एम , मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना , यू एच सी व पालीक्लिनिक फार्मासिस्ट , एच एम सी एल में अनुबंधित फार्मासिस्ट वर्ग के बाय लॉज़ बनाकर उन्हें समान काम समान वेतन दिया जाये एवं रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरकर इन पर इनकी रेगुलर नियुक्ति की जाए I

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