नीरज सिसौदिया, जालंधर
घोटालों और गड़बड़झालों के लिए मशहूर जालंधर नगर निगम के खाते में एक और घोटाला दर्ज हो गया है. हालांकि, इस बार मुद्दा चुनाव आयोग से संबंधित है लेकिन अधिकारी नगर निगम के ही हैं. इस बार ज्वाइंट कमिश्नर ने सीधे कर्मचारियों के पेट पर ही डाका डाल दिया है. मामला मतदान कर्मियों के भोजन के लिए आने वाली राशि का है.
जी हां, मतदान से ठीक एक दिन पहले आदमपुर विधानसभा हलका 038 में भोजन घोटाला सामने आया है. यहां लगभग दो हजार मतदानकर्मियों को गुरुद्वारे से लंगर मंगाकर खिला दिया गया जबकि चुनाव आयोग की ओर से इन कर्मचारियों के भोजन के लिए अलग से राशि का भुगतान किया जाता है.
जानकारी के मुताबिक, आज केएमवी कॉलेज में विधानसभा हलका 038 आदमपुर के मतदानकर्मियों को मतदान सामग्री देने के लिए बुलाया गया था. इस दौरान उन्हें दोपहर का भोजन कराया गया. बताया जाता है कि यह भोजन गुरुद्वारा तल्हण साहिब से मंगाया गया था. इसमें काली दाल, आलू-शिमला मिर्च की सब्जी और रोटियां थीं.
दिलचस्प बात यह है कि असिस्टेंट रिटर्निंग अफसर को यह भी नहीं पता कि कर्मचारियों का भोजन कहां से आया है. इसे लेकर कई मतदानकर्मियों में रोष देखने को मिला. नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि चुनाव अयोग की ओर से प्रीजाइडिंग अफसर को दो हजार रुपये और पोलिंग अफसर को 15 सौ रुपये चुनाव ड्यूटी के लिए दिया जाता है. वहीं खाने का पैसा इसके अतिरिक्त दिया जाता है फिर गुरुद्वारे से लंगर मंगाकर कर्मचारियों को क्यों खिलाया गया?
लगभग 253 पोलिंग बूथ के 2000 से भी अधिक कर्मचारियों के लिये आयोग की ओर से दी जाने वाली लाखों रुपये की राशि किसकी जेब में जायेगी, इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्मचारियोंको घटिया क्वालिटी का भोजन कराया गया है.
वहीं, इस संबंध में जब एआरओ आशिका जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि खाना गुरुद्वारे से मंगाया गया है या कहीं और से इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं अभी पता करके बताती हूं. उन्होंने आगे कहा कि खाना अगर गुरुद्वारे से भी मंगाया गया होगा तो उसका नियमानुसार भुगतान किया गया होगा. मैं भुगतान पर्ची की कॉपी आपको भेज देती हूं. उन्होंने कहा कि खाने की क्वालिटी में कोई खराबी नहीं है. मैं खुद वही खाना खा रही हूं केएमवी कॉलेज प्रिंसिपल के कमरे में बैठकर. आप चाहें तो आकर देख सकते हैं.
बहरहाल, नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर आशिका जैन के खाते में भोजन घोटाला दर्ज हो गया है. अब देखना यह है कि लाखों रुपये के इस घोटाले के खिलाफ जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग कोई एक्शन लेते हैं अथवा नहीं.