नीरज सिसौदिया, जालंधर
नगर निगम के अधिकारियों की कथित मिलीभगत के चलते शहर में अवैध कॉलोनियों का खेल एक बार फिर जोरों पर है. नवजोत सिंह सिद्धू के स्थानीय निकाय मंत्री पद से हटने के बाद भ्रष्ट अधिकारी पूरी तरह से बेखौफ हो गये हैं. यही वजह है कि शहर में अवैध कॉलोनियों का काला खेल तेजी से बढ़ रहा है लेकिन निगम के अधिकारी इन कॉलोनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. ताजा मामला कोट सदीक इलाके का है. यहां काला संघा की तरफ जाती सड़क के किनारे अवैध कॉलोनी काटी गई है. इस कॉलोनी के कॉलोनाइजर प्लॉटों की एनओसी लेकर प्लॉटों का सौदा कर रहा है. लेकिन कॉलोनी की कोई एप्रूवल नहीं ली गई है. प्लॉट की एनओसी होने के चलते ग्राहक भी आसानी से फंसाए जा रहे हैं. वैसे इस कॉलोनी में एक लाख से सवा लाख रुपये मरला की कीमत से प्लॉटों का रेट रखा गया है लेकिन ग्राहकों से मोलभाव कर जिस रेट में सौदा हो जाता है कर लिया जाता है. कॉलोनी के कई प्लॉटों का सौदा हो चुका है. कुछ प्लॉटों की एनओसी भी नहीं ली गई है. सूत्र बताते हैं कि इस कॉलोनी में खरीद बिक्री के खेल में काले धन का इस्तेमाल किया जा रहा है. यानि रजिस्ट्री में दिखाई गई राशि तो चेक में ली जा रही है लेकिन असल कीमत जो कि रजिस्ट्री की राशि से चार से पांच गुना ज्यादा वसूली जा रही है उसका लेन देन कैश के रूप में किया जा रहा है. सूत्र यह भी बताते हैं कि इस पूरे खेल को नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है. इसके एवज में निगम अधिकारियों को रिश्वत की मोटी रकम दी गई है. यही वजह है कि इस कॉलोनी के खिलाफ निगम अधिकारी कोई भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि इस कॉलोनी के कागजों में भी हेरफेर की गई है. वहीं, सीवरेज शेयरिंग चार्ज के लाखों रुपये जो सरकारी खजाने में आ सकते थे, उसे भी निगम अधिकारियों की मिलीभगत से कॉलोनाइजर डकार गया है.
बता दें कि यह कॉलोनी उसी कॉलोनी के पास स्थित है जिस कॉलोनी पर खुद पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आकर कार्रवाई कराई थी. अब चूंकि मंत्रालय ब्रह्म मोहिंद्रा के पास आ गया है तो निगम अधिकारियों को कोई खौफ नहीं रह गया है.
वहीं, सूत्र यह भी बताते हैं कि निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा अपने तबादले की जोड़ तोड़ में लगे हुए हैं जिसके चलते वह नगर निगम के कार्यों को लेकर अब गंभीरता नहीं दिखा रहे.
अभी निगम का बिल्डिंग ब्रांच अपनी गर्दन बचाने के लिए सिर्फ उन्हीं बिल्डिंगों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट तैयार करने में लगा है जिनके संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने माननीय हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली है. इस याचिका पर निगम को आगामी 19 जून तक हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करना है. बहरहाल, जब इस संबंध में इलाके के एटीपी को फोन कर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन कर अपना पक्ष दे सकते हैं. हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.
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