नीरज सिसौदिया, जालंधर
शहर के लगभग तीन दर्जन से भी ज्यादा हास्पिटल बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट और कॉमर्शियल नक्शे पर ही अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं. इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी सिर्फ नोटिस की खानापूर्ति कर रिश्वत की मोटी रकम लेकर बैठ गए हैं. इनमें सबसे अहम भूमिका नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच का ‘छोटा भीम’ निभा रहा है.
बता दें कि शहर के विभिन्न इलाकों में लगभग तीन दर्जन से भी अधिक अस्पताल ऐसे हैं जिनकी इमारतों में अस्पताल खोलने की परमिशन ही नहीं है. इनमें कई नामी अस्पताल तो ऐसे हैं जो पांच-पांच मंजिल तक बना लिये गये हैं जबकि निगम का कानून इन अस्पतालों को संचालित करने की इजाजत नहीं देता. इसके बावजूद दो-चार महीने नहीं बल्कि वर्षों से ये अस्पताल बेरोकटोक अपना कारोबार चला रहे हैं. निगम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी इसकीीकोई परवाह नहीं. वह भी इन अवैध अस्पताालों केे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं.
कुछ समय पहले इनमें से कुछ अस्पतालों की शिकायत भी की गई थी लेकिन नगर निगम ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. सिर्फ एक नोटिस देकर छोड़ दिया. किसी अस्पताल मालिक ने पैसे के दम पर तो किसी ने ऊंची राजनीतिक पहुंच के दम पर अपने अस्पतालों में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ जारी रखा. कुछ अस्पतालों की एक दो मंजिलें सील भी की गई थी लेकिन निगम कर्मचारियों के जाते ही अस्पताल मालिकों ने इन बिल्डिंगों की सील खोलकर वहां भी मरीज भर्ती करने शुरू कर दिए. सूत्र बताते हैं कि इस सब खेल में नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर से लेकर निगम कमिश्नर तक को मोटा चढ़ावा चढ़ाया गया है जिसके चलते इनके खिलाफ नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. इनमें से कुछ अस्पताल ऐसे हैं जिन्होंने कॉमर्शियल नक्शा पास कराया है और हास्पिटल संचालित कर रहे हैं. इंडिया टाइम 24 अब एक-एक कर ऐसे अस्पतालों के काले कारनामों का खुलासा करेगा जो निगम के कानून की धज्जियां उड़ाते हुए करोड़ों रुपये के वारे न्यारे करने में लगे हैं. ये अस्पताल शहर के गुरुनानक मिशन चौक, नकोदर रोड, जीटी रोड, कपूरथला रोड, फुटबॉल चौक, पठानकोट चौक, बंदा बहादुर नगर, रामामंडी, ढिलवां रोड, मकसूदां आदि इलाकों में संचालित किए जा रहे हैं. रोज एक अस्पताल का किया जाएगा खुलासा. जानने के लिए पढ़ते रहें www.indiatime24.com. अगर आपके पास भी अस्पतालों के संबंध में कोई ऐसी जानकारी हो जो हमारी खबर का हिस्सा बन सके तो हमें मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन करके बतायें या वॉट्सएप करें.