बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार
बोकारो थर्मल स्थित पावर प्लान्ट में रोजगार की मांग को लेकर विस्थापित एवं स्थानीय समन्वय समिति तत्वाधान में विस्थापितों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर प्लांट गेट पर बैठ़ गए है। विस्थापितों की भूख हड़ताल आंदोलन की सूचना मिलने के बाद आजसू के केंद्रीय महासचिव डाॅ. लंबोदर महतो व सांसद प्रतिनिधि दीपक कुमार महतो आंदोलन स्थल पहुंचे और हक और अधिकार की इस लडाई में कदम-कदम से मिलाकर चलने की बात कही। विस्थापित समिति के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश्वर मंडल ने कहा कि वर्ष 1991 से डीवीसी प्रबंधन सूचीबद्व 85 विस्थापितों को रोजगार से वंचित कर रखी है। कई बार आंदोलन हुआ। डीवीसी प्रबंधन के साथ कई बार समझौता वार्ता हुई। लेकिन स्व. बिनोद बिहारी महतो के साथ हुए समझौता वार्ता के 28 वर्ष बीत जाने के बाद भी सूचीबद्ध 85 विस्थापित व बेरोजगारों को रोजगार नहीं नहीं मिला है। अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार मद्रास, बंगाल, बिहार आदि दूसरे राज्यों से मजदूरों को मंगवा कर उन्हें प्लांट में नियोजन दे रही है और स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार से वंचित रख रही है। डीवीसी प्रबंधन को प्लांट से सटे सभी विस्थापित गांवों से 50-50 बेरोजारांे को प्लांट में रोजगार देना होगा। वक्ताआंे ने कहा कि भूख हड़ताल आंदोलन के बाद भी डीवीसी प्रबंधन ने अगर विस्थापित बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया तो 16 अक्टूबर को अधिकारियों का घेराव किया जायेगा। 17 अक्टूबर को डीवीसी मुख्य द्वार के समक्ष विस्थापित आत्मदाह करेंगे। भूख हड़ताल आंदोलन में ताहिर हुसैन, रवि कुमार तुरी, जगदीश यादव, शैलेश पटवा, अमृत गोप, विशेषवर राम, अब्दुल गफूर, असगर अली, डीलू महतो व मिन्हाज आलम सहित दस विस्थापित बैठे है। भूख हड़ताल आंदोलन के समर्थन में मजदूर नेता गणेश राम, विरेंद्र साव, सरयू ठाकुर, मनोज महतो, सुरेद्र महतो, चंद्रिका महतो, जितेंद्र यादव, सुल्तान अंसारी, तिलक महतो, जागेश्वर महतो, मुबारक अंसारी सहित राजाबाजार, नयी बस्ती, नुरीनगर, गोबिंदपुर व पटवा बस्ती के विस्थापित सहित सैकड़ों बेरोजगार शामिल है।
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