दिल्ली

मोदी और शाह को गुरु की कृपा से वापस मिलेगा खोया हुआ सियासी वजूद, ज्योतिष गणना और ग्रहों की चाल के बारे में बता रहे हैं ज्योतिष रत्नाकर नरेश नाथ

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सितारे दिन-ब-दिन गर्दिश में जाते नजर आ रहे हैं. आखिर क्या वजह है कि एक समय अजेय समझी जाने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को एक के बाद एक शिकस्त झेलनी पड़ रही है? पहले हरियाणा में सरकार जाते-जाते बची. फिर महाराष्ट्र और झारखंड हाथ से निकल गए. अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ नागपुर में भी भाजपा जिला परिषद के चुनाव हार गई. यह सब सितारों का खेल है. जिसकी भविष्यवाणी विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ ने उस वक्त ही कर दी थी जब नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे. ये वही ज्योतिष आचार्य हैं जिन्होंने विगत लोकसभा चुनाव के दौरान ही राहुल गांधी की अमेठी से हार की भविष्यवाणी कर दी थी, जिस पर पहले तो लोग भरोसा नहीं कर पा रहे थेे लेकिन अंतत: यह सही साबित हुई. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई उनकी भविष्य वाणी भी सही होती जा रही है. हालांकि, उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए हैं जिन्हें अपनाकर मोदी और शाह एक बार फिर से परिस्थितियों को पूर्ववत बना सकते हैं.
इंडिया टाइम 24 डॉट कॉम से खास बातचीत में नरेश नाथ कहते हैं, ‘मोदी जी के शपथ ग्रहण समारोह के दिन सितारों का जो योग बन रहा था उसके आधार पर मैंने कहा था कि महागठबंधन के लोग 2020 में मजबूत होंगे और एक अलग गठबंधन खड़ा करके भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर देंगे. इसके कारण दो हैं, पहला मोदी जी ने तपो साधना से राजयोग को प्राप्त किया था, इसी तरह अमित शाह ने भी तप के प्रभाव से सत्ता को प्राप्त किया. लेकिन गुरु के विद्यमान न रहने के और व्यस्तता के बढ़ने के कारण इनकी कर्म और धर्म की लाइन खंडित हो गई है, इसलिए इनको धर्मगुरु और गुरु विद्या ब्रह्मविद्या की पूर्ण आवश्यकता है. मानो तो ईश्वर है न मानो तो पत्थर है, इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मैं इस साल मोदी जी और अमित शाह के राजनीतिक करियर में रुकावटें देखता हूं. जैसे राजयोग वर्षों की तपस्या दान तप से खड़ा होता है उसी तरह उसे चलाने के लिए भी दान, जाप, तपस्या, पूजा-पाठ की आवश्यकता होती है. जैसे दिया एक बार जलाने से जल जाता है लेकिन तेल की कमी के कारण यह लंबे समय तक नहीं चल सकता. इसी प्रकार सियासी दिया भी 5 साल तक नहीं चल सकता. इसलिए उसमें तेल रूपी तपस्या का फल डालना पड़ता है.


यह सब मैं मोदी जी और अमित शाह के राजनीतिक करियर को ऊपर उठाने के लिए सुझाव प्रेषित कर रहा हूं. अच्छा लगे तो अपनाएं अन्यथा सुझाव के लिए क्षमादान.
नरेश नाथ पहले भी कई सुझाव देश एवं समाज हित में दे चुके हैं. जिन्हें अपनाकर कई लोगों की समस्याओं का समाधान हो चुका है. मोदी और अमित शाह को लेकर किए गए उनके दावों की सत्यता का प्रमाण वक्त के गर्त में छुपा हुआ है. जिस प्रकार राहुल गांधी के चुनाव हारने से लेकर मोदी के शपथ ग्रहण समारोह तक नरेश नाथ की हर भविष्यवाणी सही साबित हुई है उसी प्रकार मोदी और अमित शाह को दिए गए उनके सुझाव भी काफी कारगर साबित हो सकते हैं. हालांकि, चुनावी हार-जीत से लेकर सियासी उठापटक की हर भविष्य वाणी जो नरेश नाथ ने की थी, वह सही साबित हुई है.

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