नीरज सिसौदिया, जालंधर
मरीजों को जिंदगी देने के लिए बनाया गया जालंधर का सिविल अस्पताल इन दिनों शहर वासियों को मौत बांट रहा है| कोरोना से बचाव के यहां कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं| बिना नेम प्लेट की खाकी वर्दी पहन कर घूम रहे लोग यहां आने वाले मरीजों को धमका रहे हैं| इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ गुरु नानक के लिए सिविल हॉस्पिटल गए और वहां की बदहाली देखकर उनका मन आहत हो गया और उन्होंने फेसबुक पर इस अव्यवस्था को लाइव किया| साथ ही जालंधर के डीसी और पंजाब सरकार से अव्यवस्था को दूर करने की मांग की है.
नरेश नाथ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें बुखार आ रहा था साथ में गले में भी कुछ दिक्कत हो रही थी| जब उन्होंने एक निजी डॉक्टर से संपर्क किया तो डॉक्टर ने उन्हें कोरोना जांच कराने की सलाह दी| डॉक्टर की सलाह के बाद सोमवार सुबह नरेश नाथ एक सिविल हॉस्पिटल में कोरोना जांच कराने पहुंचे लेकिन यहां की अव्यवस्था देख कर दंग रह गए.
सिविल अस्पताल के गेट से ही अव्यवस्थाओं का मंजर नरेश नाथ के सामने था| पहले तो लगभग आधा घंटा उन्हें पर्ची बनवाने में ही लग गया| इसके बाद देखा तो सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से तार तार नजर आई और सैकड़ों की तादाद में लोग सिविल हॉस्पिटल में भीड़ लगाए जुटे हुए थे| इनमें से ज्यादातर वह लोग थे जो कोरोना जांच करवाने आए थे| बारिश भी हो रही थी. अस्पताल में नर्सें मजे से बैठी हुई थीं तो वार्ड ब्वॉय मोबाइल पर गेम खेलने में व्यस्त थे. मरीज भीड़ लगाए बैठे हुए थे और बिना नेम प्लेट वाली खाकी वर्दी पहनकर खुद को पुलिस वाला बताने वाला एक शख्स बीमार मरीजों को कभी धमका रहा था तो कभी बारिश में भीगने को मजबूर हो रहा था. सब कुछ था मगर डॉक्टर नहीं थे. कोई बताने वाला भी नहीं था कि डॉक्टर साहब कब आएंगे. नरेश नाथ को लगभग सौ डिग्री से ज्यादा बुखार था. ऐसे में वह बारिश में भीगते तो यह बुखार ही उनकी जान ले लेता. पंजाब सरकार ने कोरोना जांच में ऐसी अव्यवस्था की हुई है कि जिसे कोरोना न भी हो वह भी सिविल अस्पताल से कोरोना संक्रमित होकर ही घर लौटेगा. इस अव्यवस्था से दुखी नरेश नाथ ने पंजाब सरकार से अव्यवस्था में सुधार करते हूुए निजी लैब में भी कोरोना जांच की सुविधा देने की मांग की है. समाचाारलिखे जाने तक नरेश नाथ कोरोना जांच के लिए सिविल अस्पताल में ही धक्के खाने को मजबूर थे. सिविल अस्पताल की इसी लापरवाही की वजह से ही जालंधर में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है और यही हाल रहा तो पूरा शहर इसकी चपेट में आ जाएगा.