विकास द्विवेदी, बहराइच
क्या बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2014 में ही विभाग के अधिकारियों द्वारा आकस्मिक निरीक्षण कर विद्यालय के कमियों को उजागर करते हुए रुपए चार लाख की रिकवरी करने का आदेश जारी कर रिकवरी कराए जाने के लिए विभाग को आदेश की प्रतिलिपि प्रेषित कर दी गई थी जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्लाक विशेश्वरगंज के वीडियो सहित बेसिक शिक्षा परिषद को प्रतिलिपि प्रेषित कर रिकवरी कराने का आदेश हुआ था लेकिन विभाग द्वारा हीला हवाली घूसखोरी व दबंग अध्यापक के डर से आज तक किसी भी अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ऐसे में विभाग की घोर लापर वाही व सरकार को धोखा देना व सरकार के साथ कूट नितिक चाल साबित हो रही है ऐसे में सिर्फ योगी सरकार के कार्य काल में धब्बा लगाने का कार्य कर रहा बहराइच का शिक्षा विभाग। क्योंकि यदि योगी सरकार के कार्यकाल में भी यह रिकवरी नहीं कराई गई तो क्या यह संभव है इस प्रकार की कई मामले सूत्रों के मुताबिक सुनने में आ रहे हैं जिसे विभाग द्वारा ले देकर निपटा दिया जाता रहा है या तो रिकवरी न कराए जाने की छूट दे रखी है या शिक्षा विभाग अभी भी वैज्ञानिक युग में भी कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है जो निम्नवत हैं
1… क्या सरकार ऐसे मामले में सुस्त है
2… क्या सरकार द्वारा दिया गया धनराशि जो शिक्षा विभाग के जरिए विद्यालय के निर्माण हेतु आया धन जिसका गमन कर चोरी से मात्र खानापूर्ति करते हुए विद्यालय का ढांचा तैयार कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया इसमें कौन कौन दोषी हैं और उन पर कार्यवाही आज तक क्यों नहीं हुई।
3. बी ई ओ विशेश्वरगंज द्वारा यह बताया गया कि यह रिकवरी हमारे अस्तर से ना होकर उच्च स्तर से कराई जाए जिसकी आख्या बीएसए कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी है कौन दोषी है
4… क्या वास्तव में रिटायर्ड शिक्षक से रिकवरी नहीं कराई जा सकती ऐसा भी कुछ बयान वी ई ओ ने बताया था
क्या शिक्षा विभाग द्वारा किसी भी रिकवरी जैसे कार्यवाही के लिए और कितने वर्ष लग सकते हैं जबकि चार-पांच वर्ष बीत चुके हैं।
देखते हैं कि उपरोक्त बिंदुओं पर अमल किया जाएगा या नहीं जबकि इन सभी तथ्यों को लेकर ग्राम वासियों में काफी रोष व्याप्त है।
जबकि इन सभी तथ्यों पर कार्यवाही की आस लगाए बैठे बर्षो बीत चुके हैं और कितने वर्ष चाहिए।