नई दिल्ली, एजेंसी
पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का निधन हो गया है। वह 64 साल के थे और पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। साल 2013 में अमर सिंह की किडनी फेल हो गई थी। शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया।
बता दें कि एक जमाने में यूपी की सत्ता के ‘अर्थ और नागरिक शास्त्र’ के चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह राजनीति से दूरी बनाने के बाद भी अक्सर सुर्खियों में रहते थे। सिंगापुर के अस्पताल में इलाज करा रहे अमर सिंह ने कुछ दिनों पहले एक ट्वीट में लिखा कि वह जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। सिंह भले ही उस वक्त सत्ता के मुख्य ध्रुव से दूर थे लेकिन एक जमाने में यूपी की राजनीति के नीति निर्धारण में उनका दखल आज भी लोगों के बीच जाना जाता है। समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा जाने वाले अमर सिंह एक जमाने में सिर्फ एसपी ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की सत्ता के सबसे बड़े प्रबंधक कहे जाते थे।
90 के दशक में मुलायम सिंह के संपर्क में आने वाले अमर सिंह को देश के नामचीन उद्योगपतियों में गिना जाता है, पर उनकी असल पहचान राजनीति के किंगमेकर के रूप में होती है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने वाले अमर सिंह 90 के दशक से ही यूपी के पावरफुल राजनीतिक चेहरों के रूप में जाने जाते थे। मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी रहे अमर सिंह एक समय समाजवादी पार्टी की नंबर दो पोजिशन के नेता रह चुके हैं। अमर की सियासत का रसूख यह था कि एक जमाने में उन्होंने अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन से लेकर तमाम बड़े चेहरों को समाजवादी पार्टी के झंडे के नीचे खड़ा करा लिया था।
यूपीए-वन के लिए की थी लॉबिंग
साल 2004 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो बैकडोर से एसपी कई फैसलों में उसके साथ खड़ी रही। कहा जाता है कि यूपीए कार्यकाल के दौरान कांग्रेस को कई फैसलों में जब भी संकट का एहसास हुआ, मनमोहन सिंह की सरकार ने एसपी से मदद मांगी। संसद की इस लॉबिंग में अमर सिंह प्रमुख भूमिका में रहे। बड़ी बात यह कि यूपीए कार्यकाल के दौरान सिविल न्यूक्लियर डील के फैसले के दौरान ‘कैश फॉर वोट’ जैसे बड़े मामलों में अमर सिंह का नाम भी आया। हालांकि बाद में अमर इन आरोपों से बरी हो गए।
वीर बहादुर सिंह के जरिए मुलायम से हुई थी भेंट
आजमगढ़ के तरवा इलाके में 27 जनवरी 1956 को जन्मे अमर सिंह पूर्वांचल के ‘बाबू साहब’ कहे जाते रहे हैं। ठाकुर वोटरों के बीच एक बड़े नेता के रूप में प्रशस्त हुए अमर ने भले ही अपना लंबा जीवन महाराष्ट्र के मुंबई शहर में बिताया हो, लेकिन पूर्वांचल की सियासत में अमर का दखल इस बात से ही सिद्ध था कि वह 90 के दशक में यहां के रसूखदार वीर बहादुर सिंह और चंद्रशेखर जैसे नेताओं के सबसे करीबी लोगों में एक कहे जाते थे। वीर बहादुर सिंह के कारण ही अमर सिंह की भेंट मुलायम सिंह यादव से हुई थी।
बनाया था राष्ट्रीय लोकमंच
दो दशक तक पूर्वांचल की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अमर को जब साल 2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया तो उन्होंने पू्र्वांचल को अलग राज्य घोषित करने की मांग के साथ अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच का गठन किया। लोकमंच ने आजमगढ़ समेत पूर्वांचल के कई जिलों में बड़ी सभाएं भी की, लेकिन कोई खास असर नहीं दिखा सकी।
आजम खान और अमर सिंह के तल्ख रिश्ते
अमर सिंह के समाजवादी पार्टी से दूर होने की वजह एसपी के बड़े नेता आजम खान बने। आजम खान के बढ़ते रसूख ने अमर सिंह को समाजवादी राजनीति के हाशिये पर खड़ा किया। 2010 में आजम खान के बढ़ते प्रभाव के बीच ही मुलायम सिंह ने अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया। इसके बाद कुछ वक्त अमर राजनीति से दूर रहे। हालांकि साल 2016 में जब अमर सिंह को फिर राज्यसभा का सांसद बनाने का मौका आया तो उनके निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद एसपी ने उनका समर्थन कर उन्हें राज्यसभा भेजा। हालांकि इसके बावजूद कई मौकों पर एसपी नेता आजम खान और राज्यसभा सांसद अमर सिंह एक दूसरे के खिलाफ तमाम तल्ख बयान देते रहे।
अखिलेश ने कहा था बाहरी व्यक्ति
मुलायम सिंह से अमर सिंह की इस करीबी के बावजूद एक वक्त वह भी आया, जब अमर सिंह पर मुलायम परिवार को तोड़ने का आरोप भी लगा। मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने ही अमर सिंह पर आरोप लगाया कि वह उनके परिवार को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश ने अमर सिंह को बाहरी व्यक्ति बताकर उनकी तमाम बार आलोचनाएं भी की। वहीं अमर भी कई मौकों पर अखिलेश यादव पर उनका अपमान करने का आरोप लगाते रहे।अमिताभ बच्चन परिवार से मांगी थी माफी
अमर सिंह और बच्चन परिवार के बीच सालों से रिश्ते में तल्खी आ गई थी। जिसके बाद दोनों ही परिवारों की ओर से तीखी टिप्पणियों का दौर चलता रहा लेकिन कुछ समय पहले अमर सिंह ने इन टिप्पणियों को विराम देने का मन बना लिया। जिसके चलते उन्होंने बच्चन परिवार से माफी भी मांगी थी।
अमर सिंह और बच्चन परिवार के बीच का विवाद जितना पुराना है उससे भी कहीं पुराना दोनों के बीच का रिश्ता रहा है। दोनों एक समय में एक दूसरे के परिवार के सदस्य रहे हैं लेकिन दोनों के बीच कुछ ऐसा हुआ कि एकाएक अमर सिंह अमिताभ के परिवार पर हमलावर हो गए। उन्होंने बच्चन परिवार के ऊपर निशाना साधना शुरू कर दिया। अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन को ऐसा अभिनेता बताया जो कई अपराधों में उलझे रहे। साथ ही साथ परिवार के क्लेश के बारे में भी कई बातें उजागर की थीं। अमिताभ बच्चन और अमर सिंह के बीच हुए विवाद के बारे अमर सिंह ने खुद उजागर किया था। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों के बीच क्या हुआ इस बारे में अमर सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था। इस इंटरव्यू में अमर सिंह ने बताया था कि दोनों परिवार के बीच की दूरी की वजह अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन थीं। दरअसल साल 2012 में अनिल अंबानी के घर एक पार्टी का आयोजन हुआ था। इस पार्टी में कई दिग्गज पहुंचे थे। इसमें ही अमर सिंह और बच्चन परिवार भी शामिल हुआ था। पार्टी के दौरान अमर सिंह का जया बच्चन से किसी बात पर विवाद हो गया। बस यही दोनों के बीच की दूरी की वजह बनी। अमर सिंह के मुताबिक पार्टी में हुए जया बच्चन के साथ झगड़े के बाद से दोनों परिवारों में दूरियां आ गई थीं। उस झगड़े में अमिताभ बच्चन ने अपनी पत्नी जया बच्चन का साथ दिया था जो अमर सिंह को पसंद नहीं आया था। इसके बाद से ही अमर सिंह और बच्चन परिवार के बीच दूरियां बढ़ गईं। अमर सिंह ने कई मौकों पर बच्चन परिवार पर निशाना भी साधा।
हालांकि अमर सिंह की बातों का बच्चन परिवार ने कभी कोई जवाब नहीं दिया। एक बार अमिताभ ने बस इतना कहा था कि वो मित्र हैं उन्हें बोलने का अधिकार है। दोनों के बीच आई इस दरार के आठ साल बाद अब अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन के परिवार से माफी मांगी थी। गौरतलब है कि अमर सिंह इन दिनों सिंगापुर में अपना इलाज करवा रहे हैं। जहां एक वीडियो जारी कर उन्होंने अमिताभ के परिवार से माफी मांगी है।