बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
अखिल भारतीय किसान सभा के अहृवान पर भाकपाई ने 9 सूत्री मांगों को लेकर बोकारो थर्मल और ऊपरघाट में एक दिवसीय भूख हड़ताल कर धरना दिया। बोकारो थर्मल के यूनियन कार्यालय में बैठे आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वक्ताआंे ने कहा कि केंद्र सरकार भेदभाव के तहत किसान का कर्ज माफ नही रही है। जबकी प्रधानमंत्री ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। कहा कि जो किसान 60 वर्षों से अधिक उम्र पार कर चुके है उन्हें दस हजार मासिक पेंशन दिया जाए। आज केंद्र की सरकार किसान के साथ-साथ मजदूर विरोधी नीति बना रही है। पीडीएस दुकानों मे ंभी किसानों को राशन देने से वंचित किया जा रहा है। जबकी इस कोरोना काल के वक्त दुसरे प्रदेशांे में सभी तरह के लोगों को पीडीएस से राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। कानूनों में संशोधन किए जा रहे है। उनकी सोशल सिक्यूरिटीज समाप्त किया जा रहा है। 44 श्रम कानूनों को बदल कर चार कोड बनाया जा रहा है। उससे किसान भी काफी हद तक प्रभावित होंगे। किसान के फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इस मोदी सरकार के कथनी और करनी में काफी फर्क है। कोरोना महामारी के आड़ मंे बहुत गड़बड़ी हो रही है। सारे मामले को आम जनता के बीच ले जाना होगा। महामारी समाप्त होते ही बड़े बड़े आंदोलन करने होंगे। धरना मंे राज्य परिषद सदस्य मो शाहजहां, सचिव ब्रजकिशोर सिंह, जानकी महतो, असीम तिवारी, रामेश्वर साव, रामटहल महतो, नवीन कुमार पाठक, पप्पू शर्मा, बंकिम चन्द्र राय, सुरेश राम, संतोष यादव, माथुर ठाकुर, रंजीत ठाकुर, टीपू, मो. इरशाद, कार्तिक मालाकर, टार्जन, रामेश्वर राम, मनोज ठाकुर, मुन्नीलाल राम, सुनील अग्रवाल, रामेश्वर महतो सहित कई लोग उपस्थित थे। दूसरी और ऊपरघाट के कोठी स्थित स्व. टेकलाल महतो ग्रामीण स्टेडियम में आयोजित भूख हड़ताल को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला प्रभारी गणेश प्रसाद महतो व भाकपा डुमरी विस प्रभारी नुनूचंद महतो ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी को सरकार रोक लगाए, कालाबाजारी से किसानों का उच्चे दामों में यूरिया खरीदना पड़ रहा है। कोरोना काल में निजी अस्पतालों की मनमानी पर सरकार को शीघ्र ही रोक लगानी चाहिए। काॅमर्शिल माईनिंग के सवाल पर केंद्र व राज्य सरकार दोनों अपने हित में समझौता कर चुके है, इसलिए काॅमर्शिल माईनिंग के प्रस्ताव को वापस लिया जाय और जिनके खेत तथा जमीन में खनिज संपदा है, उसे खनन की जवाबदेही को-आॅपरकटिव बनाकर किसानों को दिया जाए। यहां पर भीमलाल महतो, अनंतलाल महतो, भुवनेश्वर महतो, बालेश्वर महतो, थानूलाल महतो, प्रीतम महतो, प्रभुदयाल महतो, जानकी महतो, गिरधारी महतो, सीताराम महतो, बिजय महतो, हीरालाल महतो, अब्दुल कासीम, सहबान अंसारी आदि भाकपाई शामिल थे।
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