नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा चुनाव से पहले बरेली में काफी सियासी उठापटक होने वाली है. आम तौर पर तो यह सियासी उठापटक सत्ताधारी दल के पक्ष में होती है लेकिन बरेली में हवा का रुख सबसे बड़े विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की ओर मुड़ रहा है. रविवार को जिस तरह से कांग्रेस और बसपा नेताओं ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा वह काफी हैरान करने वाला था. रविवार को सपा में शामिल होने वाले लोगों में एक कांग्रेस नेता विष्णु शर्मा भी हैं. विष्णु शर्मा कांग्रेस के काफी समर्पित कार्यकर्ता थे. सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहने वाले विष्णु शर्मा के समर्पण का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके फेसबुक प्रोफाइल पर सपा में शामिल होने से एक दिन पहले तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की तस्वीर लगी हुई थी. अगले दिन जब विष्णु सपा में शामिल हो गए तो उनके प्रोफाइल फोटो पर अखिलेश यादव और सपा की साइकिल नजर आने लगी.
विष्णु शर्मा के साथ उनके साथी कांग्रेसी तो शामिल हुए ही, कुछ बसपाई भी हाथी की सवारी छोड़ साइकिल दौड़ाने लगे. इन लोगों की सपा में एंट्री को अभी 24 घंटे का वक्त भी नहीं बीता था कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता सोमवार को सपा में शामिल हो गए.
विष्णु शर्मा और उनके साथियों के सदस्यता ग्रहण समारोह में आज समाजवादी पार्टी के बरेली जिला कार्यकारिणी व महानगर कार्यकारिणी के पदाधिकारी उपस्थित रहे. इनमें मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष शमीम सुल्तानी, पूर्व विधायक सुल्तान बेग, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, पूर्व विधायक महिपाल सिंह यादव, जिला सचिव नूतन शर्मा, हैदर अली, जिला प्रवक्ता महेंद्र शुक्ला मोंटी, प्रबुद्ध सभा के जिला अध्यक्ष अतुल माहेश्वरी, महिला सभा की दीप्ति पांडे व भारती चौहान आदि लोग उपस्थित रहे।
विष्णु शर्मा की सपा में एंट्री तो महज एक ट्रेलर है. अभी कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी सपा में सियासी जमीन तलाश रहे हैं. कुछ शर्तों पर मामला लटका हुआ है. शर्तें पूरी होते ही उनकी भी एंट्री तय है. दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में भाजपा के सत्तासीन होने के बावजूद लोग भाजपा की जगह सपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं. सपा की तरफ सियासतदानों का यह झुकाव आगामी विधानसभा चुनाव में यूपी के तख्तापलट का संदेश दे रहा है. अगर सपा का कुनबा यूं ही बढ़ता रहा तो निश्चत तौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव इतिहास की नई इबारत लिखेंगे.