सोहना, संजय राघव
सोहना नगरपरिषद विभाग द्वारा सरकारी भूमि पर किये गए अवैध कब्जों को हटाए जाने की कार्यवाही ठप्प होने के आसार हैं। कब्जेधारियों ने उक्त भूमि पर स्टे आदेश ले लिया है। जिसमें अवैध निर्माणों को तोड़ने पर अदालत ने पाबन्दी लगा दी है। तथा अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तारीख तय की है। ऐसा होने से विभाग की उक्त कार्यवाही टाँय टाँय फिस्स होकर रह गई है।
विदित है कि सोहना कस्बे में लोग सरकारी भूमि का निजी भूमि समझकर इस्तेमाल करने में लगे हैं। जिन्होंने परिषद, वक़्फ़, जोहड, शमशान आदि की भूमि पर अवैध निर्माण करके कब्जे कर लिए हैं। बताया जाता है कि ऐसे लोगों ने सरकारी भूमि के दस्तावेज भी तैयार किये हुए हैं जिनके बल पर वे अदालत में पहुँच गए हैं। बीते दिनोँ उक्त मामले प्रशासन के संज्ञान में आने पर नगरनिगम आयुक्त ने परिषद विभाग को तुरंत सरकारी भूमि से कब्जे हटाने के फरमान जारी किए थे। उक्त आदेशों पर अमलीजामा पहनाते हुए विभाग ने ऐसी 14 साइटों को चिन्हित करके लिखित नोटिस जारी करके निर्धारित समय अवधि में जवाब दाखिल करने को कहा था। गत सोमवार को सभी नोटिस धारकों ने उक्त भूमि पर लिए गए स्टे आदेश परिषद विभाग में दर्ज कर दिए हैं। जिससे उक्त मामले ठंडे बस्ते में पहुँचने की संभावना है। बता दें कि विभाग ने दमदमा मार्ग पर स्थित शमशान भूमि व गुरुग्राम मार्ग पर जोहड भूमि को कब्जाने पर नोटिस दिए थे।
क्या कहते हैं बिल्डिंग इंस्पेक्टर
सोहना नगरपरिषद के बिल्डिंग इंस्पेक्टर मनोज सिवाच कहते हैं कि जिन लोगों को विभाग ने नोटिस देकर जवाब दाखिल करने को कहा था ऐसे लोगों ने अदालत से स्टे आदेश लिए हुए हैं। जिसमें किसी भी प्रकार की तोड़ फोड़ कार्यवाही नहीं कि जा सकती है। मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने 8 जनवरी की तारीख निश्चित की है।
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