बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
बेरमो प्रखंड के गोविंदपुर ई पंचायत भवन में कुड़मी जाति का उत्थान को लेकर कुड़माली भाखिचारि जागरण समिति के तत्वाधान में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में कुड़मी जाति के उत्थान को लेकर पूरे राज्य में अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। यहां पर मुख्य वक्ता के रूप में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के शोध विभाग के निदेशक डॉ. बीएन महतो ने कुड़मी जाति व कुड़माली भाषा की उत्पत्ति से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि कुड़मालि भाखिचारि ही कुड़मि जनजाति की असल पहचान है। यह सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि संपूर्ण संस्कृति है। कुड़मी जनजाति हैं, इसे षड्यंत्र के तहत जनजाति की सूची से अलग किया गया है। कहा कि हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस बार कुड़मी समुदाय के दो करोड़ लोग जनगणना में अपनी मातृभाषा कुड़माली को दर्ज करेंगे यह हमें सुनिश्चित करना होगा। वक्ताओं ने अपनी भाषा-संस्कृति का सम्मान करने की बात कही। कहा कि कुर्मी-कुड़मी एक ही हैं।
कुड़मियों की भाषा कुड़माली है और धर्म सरना है। महतो परिवार के लोग कुर्मी या कुड़मी कहलाते हैं। कुड़मियों से सरना धर्म मानने की अपील की और वर्ष-2021 में होने वाली जनगणना के बारे में बताया। कहा कि सभी महतो परिवार के लोग जनगणना-2021 के जाति कोष्ठक में कुर्मी के स्थान पर कुड़मी लिखाएंगे। वहीं, भाषा के कोष्ठक में कुड़माली और धर्म के कोष्ठक में सरना धर्म अंकित कराएंगे, ताकि कुड़मी जाति को आदिवासी की सूची में सरकार डाल सके। अगर ऐसा हो जाता है तो कुड़मी जाति के युवक-युवतियों को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी। सम्मेलन को कुड़माली भाखिचारि जागरण समिति के जिला प्रशिक्षक महादेव डुगरियार, धानेश्वर विधार्थी, दीपक पुनियार, सुभद्रा कुमारी, भुनेश्वर महतो, गणेश प्रसाद महतो, पूर्व मुखिया नरेश महतो, पंसस नागेश्वर महतो, केदार महतो, राजाराम महतो बानुआर ने भी संबोधित किया। इस मौके पर बैजनाथ महतो, नंदलाल महतो, चंद्रकांत महतो, सुरेंद्र महतो, बिनोद महतो, निरंजन महतो, खूबलाल महतो, संजय महतो, नागेश्वर महतो, भोला महतो, नारायण महतो, सावित्री देवी, तारा देवी, गांधारी देवी, खुशबू कुमारी, प्रियंका कुमारी, नीलाम देवी, यशोदा देवी, बीणा देवी, उचिता देवी, गीता देवी, तालखो देवी, अनीता देवी, सुमन देवी सहित सैकड़ों कुडमि जाति के लोग उपस्थित थे।