बोकारो थर्मल। कुमार अभिनंदन
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम डीवीसी मुख्यालय में गुरूवार को डीवीसी संयूक्त मोरचा के बैनर तले कर्मचारियों ने ग्रुप बी, सी और डी की सुविधाओं में कटौती सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर विरोध-प्रर्दशन किया गया। जिसमें बोकारो थर्मल, चंद्रपुरा, हजारीबाग, मैथन, अंडाल, दुर्गापुर, पंचैत सहित अन्य परियोजनाओं के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। प्रर्दशन के दौरान कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ भेदभाव नीति, एनपीपी नीति के विरोध, प्रोमोशन नीति के खिलाफ जमकर नारें लगाए। प्रर्दशन के बाद एक सभा की गयी। सभा को संबोधित करते हुए बांकुड़ा के पूर्व सांसद बासुदेव आचार्य, जीवन आइच, तापस कुंडू, अशोक घोष, गोपाल गांगुली व जानकी महतो ने कहा कि डीवीसी प्रबंधन ग्रुप बी, सी, डी कर्मचारियों के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाए हुए है। प्रबंधन कर्मचारियों को आपस में बांटकर अस्तित्वहीन करना चाहती है। प्रबंधन हमारे योगदान की उपेक्षा करती है, ग्रुप ए के कर्मियों को सारी सुख-सुविधा देती है। नए-नए पदों का सृजन करती है और समयानुसार पद्दोन्नति देती है।
वहीं ग्रुप बी, सी, डी के पदों में कटौती कर पदोन्नती से वंचित करती है। मजदूर हित में सभी कर्मचारियों को साथ चलने, एकता बनाये रखने की बात कही। एफसीए को मुख्यालय की तरह डीवीसी के तमाम जगहों पर समान रूप से लागू किया जाए। कहा कि जब अधिकारियों के न्यू प्रमोशन पॉलिसी में कोई शर्त नहीं था तो ग्रुप बी, सी, डी के लिए ऑप्शन क्यों? कहा कि डीवीसी के दुर्गापुर, बोकारो थर्मल और चंद्रपुरा में बंद पडें पावर प्लांट को प्रबंधन फिर से चालू करें। डीवीसी के फेज दो के तहत रघुनाथपुर प्लांट बनने के लिए मंगाए गए साम्रागी बर्बाद हो रहा है। प्लांट का काम बंद पड़ा है। इस पर प्रबंधन विचार नहीं कर रहीं है। यूनियनों के प्रतिनिधियों के 11 सूत्री मांगों के आलोक में डीवीसी के चैयरमैन आरएन सिंह, ईडी एचआर आरके दत्ता और सचिव पीके मुख्योपाध्याय ने कहा कि सरकार वायू प्रदुषण को देखते हुए डीवीसी नये पावर प्लांट लगाने की दिशा में कोई काम नहीं कर रहीं है।
डीवीसी अपने बांधों पर सोलर सिस्टम का 3000 मेगावाट की प्लांट लगाने जा रहीं है। इसके अलावे कोनार नदी किनारें भी सोलर प्लांट लगाने की योजना है। इसके लिए झारखंड सरकार से कई विंदुओं पर सहमति बनी है। कर्मचारियों की मांगों पर पहल करने की आश्वासन दिए। इस प्रर्दशन में डीके पांडेय, बीएन प्रसाद, अमृतलाल महतो, रामनारायण यादव, उत्पल समादार, शांति समांतो, वरूण सरकार, बीके सिंह सहित सैकड़ों कर्मचारी शामिल थे।