इंटरव्यू

सरकार नाकाम, सपा के काम पर भाजपा का नाम, नहीं संभला उत्तराखंड, बंगाल में भी बुरा हाल, सरकार पर जमकर बरसे सपा नेता डा. अनीस बेग, पढ़ें स्पेशल इंटरव्यू

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जीएसटी, नोटबंदी और किसान आंदोलन के बाद भारतीय जनता पार्टी को अपने घर में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में उत्तराखंड में उसे मुख्यमंत्री तक बदलना पड़ गया जबकि अगले साल ही उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल में अमित शाह के रोड शो के बाद जिस तरह से बंगाल में हिंसा का दौर शुरू हुआ है उसने भाजपा की धर्म के आधार पर विभाजनकारी छवि को और धूमिल करने का प्रयास किया है. यूपी में विकास कार्यों को लेकर विपक्षी सरकार को घेरने में लगे हैं. वर्तमान सियासी हालात का यूपी पर क्या असर पड़ेगा? विकास के सरकारी दावों को विपक्ष किस नजरिये से देखता है? उत्तराखंड और बंगाल की सियासत अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को किस तरह प्रभावित करेगी? नोटबंदी, जीएसटी, किसान आंदोलन और पाकिस्तान को फ्री कोरोना वैक्सीन एवं भारतीय गरीबों से 250 रुपये वसूलने को विपक्ष किस रूप में देख रहा है? ऐसे ही कई मुद्दों पर समाजवादी पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. अनीस बेग ने खुलकर बात की. पेश हैं नीरज सिसौदिया के साथ डा. अनीस बेग की बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : उत्तराखंड के राजनीतिक घटनाक्रम को आप किस नजरिये से देखते हैं?
जवाब : भाजपा अपने नेताओं को मैनेज नहीं कर पा रही है. उत्तराखंड में जिस तरह से चुनाव से ठीक एक साल पहले मुख्यमंत्री को बदलना पड़ा उससे यह साबित हो गया है कि भाजपा के पास एक भी ऐसा काबिल नेता नहीं है जो पांच साल तक सरकार सही तरीके से चला सके. जब मुख्यमंत्री ही स्थाई नहीं होगा तो विकास कहां से होगा. यही हाल उत्तर प्रदेश का भी है. यहां भी सरकार विकास का कोई काम नहीं करा सकी है. सपा के कार्यकाल में जो काम पास हुए थे उन्हीं का फीता काटकर योगी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. अपनी सरकार में ये लोग एक काम तक नहीं करा सके हैं.
सवाल : लेकिन सरकार तो अपनी कई उपलब्धियां गिनाती है?
जवाब : सिर्फ बातों से कुछ नहीं होता. यह सरकार सिर्फ झूठ बोलती है. हिन्दुस्तान के इतिहास में अगर सबसे बड़ी झूठी कोई सरकार आई है तो वह भाजपा की सरकार है. ये लोग सिर्फ हाइप बनाना जानते हैं, विकास किस चिड़िया का नाम है इन्हें बिल्कुल भी नहीं पता. अगर बरेली की ही बात करें तो शहामतगंज फ्लाईओवर सपा सरकार ने बनवाया पर फीता भाजपा ने काटा, सौ फुटा रोड सपा ने बनवाई, जिस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करके भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है उसके लिए 50 करोड़ रुपये और जमीन नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने दिलाई थी. कुछ दिन पहले आपने देखा होगा कि योगी जी एक प्वाइंट पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे वह प्वाइंट भी सपा सरकार ने ही बनवाया था. जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री दूसरे के काम पर सेल्फी लेकर डाल रहा हो उस प्रदेश का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आप खुद ब खुद लगा सकते हैं. बरेली में एयरपोर्ट की बात कई सालों से चल रही है लेकिन जब एयरपोर्ट शुरू हुआ तो एयरफोर्स के रन-वे से उड़ान शुरू की गई. इतने वर्षों में अपना रन-वे बनाना तो दूर ये लोग रन-वे के लिए कोई योजना तक नहीं बना सके. इन्हें बस फीता काटने की जल्दी थी.

भाजपा सरकार के दावों की पोल खोलते डा. अनीस बेग

सवाल : बंगाल में चुनाव हो रहे हैं, वहां जिस तरह के सियासी हालात बन रहे हैं, उसका क्या असर होगा?
जवाब : देखिये भाजपा सरकार विकासकारी नहीं विनाशकारी सरकार है. दमनकारी सरकार है. ये लोग जहां भी जाते हैं वहां अशांति फैलाते हैं. इनका सिर्फ एक ही मिशन है कि हिन्दुस्तान की जनता को हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर लड़ाओ और राज करो. बंगाल में भी यही हो रहा है. पहले कभी सुना था कि एक मुख्यमंत्री पर ही बंगाल में हमला कर दिया गया. कितना शांत था पहले बंगाल लेकिन जब से बंगाल में इन लोगों की एंट्री हुई है तब से वहां हर तरफ दंगे हो रहे हैं. माहौल खराब करके रख दिया है इन लोगों ने बंगाल का. जनता देख रही है. इसका असर यूपी के विधानसभा चुनावों पर जरूर पड़ेगा. ये लोग न तो काम करते हैं और न ही इनके पास ऐसे नेता हैं जो पांच साल सही तरीके से सरकार चला सके. इसलिए जनता जरूर परिवर्तन लाएगी और यूपी में अगले मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ही होंगे. रही बात बंगाल की तो बंगला मानुष बहुत ही समझदार है और बंगाल में एक बार फिर ममता दीदी ही सरकार बनाएंगी.
सवाल : सरकार तो कहती है कि उसने यूपी से अपराधी खत्म कर दिए हैं?
जवाब : ये जनता को गुमराह करने का नया हथकंडा है. सरकार ने सारे अपराधियों पर दर्ज मुकदमे खत्म कर दिए हैं. क्या ऐसा करने से अपराध खत्म हो सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे ही वापस ले लिए. क्या कभी सुना है कि किसी मुख्यमंत्री ने अपने ही खिलाफ दर्ज मुकदमे खत्म कर दिए हों. आप खुद को अदालत से भी ऊपर मानने लगे हैं. कौन अपराधी है और कौन नहीं, इसका फैसला अदालत को करने दीजिए. आपको कोई अधिकार नहीं है फैसला लेने का. आप संवैधानिक व्यवस्था को ही खत्म करते जा रहे हैं. जब सारे फैसले आपको खुद करने हैं तो फिर अदालतों की जरूरत ही क्या है. आप दूसरों के एनकाउंटर कर रहे हैं और अपनी पार्टी के गुंडों पर दर्ज मामले खत्म करके उन्हें गुंडागर्दी का लाइसेंस दे रहे हो. क्या ऐसे अपराध खत्म हो सकता है? यह सरकार पूरी तरह दमनकारी सरकार है. पहले जीएसटी, नोटबंदी से व्यापारियों का दमन किया और फिर काले कानून लाकर किसानों का दमन किया. एनकाउंटर और झूठे मुकदमे करके विपक्ष का गला दबाना चाहती है.
सवाल : आपने कहा कि सरकार विभाजन की राजनीति कर रही है. कैसे साबित करेंगे?
जवाब : देखिए पूरे देश में भाजपा सरकार सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. पिछड़ा वर्ग की तो यह सरकार पूरी तरह विरोधी है. सबसे बड़ी उम्मीद थी कि कोई पिछड़ा वर्ग का जनप्रतिनिधि ही मुख्यमंत्री बनेगा लेकिन क्या बन पाया? केशव प्रसाद मौर्या काबिल नेता थे और सीएम की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया और योगी जी को मुख्य मंत्री बना दिया गया. हम जाति की राजनीति नहीं करते पर मौर्या समाज को सोचना चाहिए कि क्या भाजपा सरकार में उसके हित सुरक्षित हैं.
सवाल : विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को कितना सही मानते हैं? क्या इस बार सपा को फिर से महागठबंधन करना चाहिए?
जवाब : देखिये महागठबंधन करना चाहिए या नहीं करना चाहिए यह तो नेता ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकते हैं. मैं एक बहुत छोटा सा नेता हूं या कहें नेता भी नहीं एक डॉक्टर हूं. हाल ही में अखिलेश यादव का एक बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव वह छोटे-छोटे स्थानीय स्तर के दलों को साथ लेकर लड़ेंगे और यूपी में फिर से सरकार बनाएंगे. जहां तक मैं समझता हूं तो आज सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का एकमात्र भरोसा समाजवादी पार्टी ही है. कांग्रेस, बसपा और भाजपा के कई दिग्गज नेता हाल ही में सपा में शामिल हुए हैं. मीरगंज विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक सुल्तान बेग के संपर्क में भी कई भाजपा नेता हैं जो कभी दूसरे दलों में हुआ करते थे और भाजपा के झांसे में आकर पार्टी छोड़कर चले गए थे. अब उन्हें समझ आ गया है कि भाजपा का विकास से कोई लेना देना नहीं है. इसलिए अब वह सुल्तान बेग के नेतृत्व में सपा में वापसी करना चाहते हैं. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे, भाजपा में बिखराव बढ़ता जाएगा. और मीरगंज से एक बार फिर सुल्तान बेग विधायक बनेंगे. बिथरी और फरीदपुर के भी कई दिग्गज सपा का दामन थाम चुके हैं.


सवाल : राजनेता होने के साथ ही आप एक डॉक्टर भी हैं. बतौर डॉक्टर आपकी नजर में कोरोना वैक्सीन को 250 रुपये में बेचने के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं?
जवाब : देखिये हमारे देश का सरकारी आंकड़ा बताता है कि करीब 15 करोड़ की आबादी ऐसी है जिसके पास दो वक्त का खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. वे एक वक्त का खाना खाकर ही गुजारा कर रहे हैं. ऐसे में वह आदमी ढाई-ढाई सौ रुपये की दो वैक्सीन कभी नहीं खरीदेगा. अगर वह वैक्सीन नहीं लगवाएगा तो कोरोना का खतरा खत्म नहीं होगा. सरकारी आंकड़ा अगर 15 करोड़ तो हकीकत इससे भी ज्यादा होगी. आप पाकिस्तान को मुफ्त वैक्सीन बांट रहे हैं लेकिन अपने देश के गरीब से आप पैसे ले रहे हैं. ऐसा करके आप कोरोना के खतरे को और ज्यादा बढ़ा रहे हैं. अगर 15 करोड़ की आबादी बिना वैक्सीन के रहेगी तो सौ करोड़ को वैक्सीन लगाने से कोरोना खत्म नहीं होने वाला. मैं इस बात का पूरा समर्थन करता हूं और सरकार से मांग करता हूं कि गरीबों को फ्री वैक्सीन मुहैया कराई जाए. सिर्फ वैक्सीन ही नहीं भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून की सुविधा जनता को मुफ्त मुहैया कराना हर सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार को अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभानी चाहिए.
सवाल : सरकार के खिलाफ जो एंटी इनकंबेंसी का माहौल बना है क्या इसका लाभ आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में सपा को मिलेगा?
जवाब : आज समाज का हर वर्ग सरकार से परेशान है. चाहे व्यापारी हो, नौकरीपेशा हो या फिर किसान, सभी परेशान हैं. किसानों को धान, गन्ने के पैसे नहीं मिल रहे. वह फसल सही दामों में नहीं बेच पा रहे. ऊपर से तीन काले कानून लाकर किसानों को आंदोलन पर मजबूर कर दिया जिससे उनकी खेती चौपट हो चुकी है. पहले कहते थे कि विपक्ष आंदोलन कर रहा है लेकिन अब तो विपक्ष धरना नहीं दे रहा. अब जो आंदोलन पर डटा है वह किसान ही है. किसानों ने साफ कह दिया है कि जहांं-जहां चुनाव होंगे वहां किसान सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे. वे कह चुके हैं कि हम सरकार बना सकते हैं तो गिरा भी सकते हैं. इससे स्पष्ट है कि किसान नाराज है. इसका पूरा फायदा तो विधानसभा चुनाव में ही सपा को देखने को मिलेगा लेकिन इसका ट्रेलर पंचायत चुनाव में ही सामने आ जाएगा.

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