नीरज सिसौदिया, बरेली
बंगाल की धरती पर विधानसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद यूपी में आ रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी भाजपा के लिए निराशाजनक साबित हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ ही मथुरा और अयोध्या में भी पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है. हालांकि कुछ सीटों के परिणाम आने अभी बाकी हैं.
वहीं रुहेलखंड (बरेली) की धरती पर भी भारतीय जनता पार्टी को समाजवादी पार्टी मात देती नजर आ रही है.
सबसे पहले बात करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी की. यहां वर्ष 2015 में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. एमएलसी चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी यहां से हार गए थे. यहां जिला पंचायत की 40 में से 14 पर सपा, 8 पर भाजपा और 5 सीटों पर बसपा ने जीत का दावा किया है.
वहीं अपना दल एस ने तीन, आम आदमी पार्टी ने एक और ओपी राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने एक सीट जीती है. बाकी सीटों का परिणाम पता नहीं चल सका है.
इसी तरह मथुरा में बसपा सबसे आगे बताई जा रही है. यहां समाजवादी पार्टी के खाते में एक सीट आई है. बसपा को 11, आरएलडी को आठ और भाजपा को नौ सीटें मिलने की बात कही जा रही है. निर्दलीयों ने भी तीन सीटें जीती हैं.
रामनगरी अयोध्या में भी भगवा ब्रिगेड को वनवास ही नसीब हुआ है. यहां सपा के खाते में 40 में से 24 सीटें आने की बात कही जा रही है. भाजपा छह सीटों पर सिमट गई है और बाकी पर निर्दलीयों का कब्जा बताया जा रहा है.
इसी तरह रुहेलखंड के बरेली जिले में भाजपा के खाते में 13 सीटें आने की बात कही जा रही है. सपा यहां भी सबसे आगे करीब 28 सीटों पर बताई जा रही है. बाकी सीटें अन्य के खाते में आई हैं. हालांकि अभी काउंटिंग खत्म नहीं हुई है. मतगणना के बाद परिणाम बदल भी सकते हैं.