नीरज सिसौदिया, बरेली
कोरोना काल में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही इसे और बढ़ाने का काम कर रही है. इसका जीता जागता उदाहरण सैदपुर हॉकिंस इलाके के रूप में देखा जा सकता है. यहां रोजाना तकरीबन छह-सात लोगों की मौत हो रही है. किसी की कोरोना से तो किसी की अन्य कारणों से इसके बावजूद नगर निगम के लापरवाह अधिकारी यहां सैनेटाइजेशन तक नहीं करा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस वार्ड का पार्षद भी सत्ताधारी पार्टी से ताल्लुक़ रखता है. इसके बावजूद वार्ड की अनदेखी कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. नगर निगम के अधिकारियों को न जाने कितनी और मौताें का इंतजार है. फिलहाल, स्थानीय पार्षद दीपक सक्सेना ने इस संबंध में मेयर डा. उमेश गौतम को एक पत्र लिखकर नियमित रूप से सैनेटाइजेशन की व्यवस्था कराने की गुहार लगा लगाई है.
मेयर को लिखे गए पत्र में दीपक सक्सेना ने कहा है कि आपको विनम्रता पूर्वक सादर अवगत कराना है कि वार्ड 55 सैदपुर हॉकिंस में प्रतिदिन लगभग 6-7 लोगों की मृत्यु हो रही है जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है। क्षेत्रवासियों द्वारा लगातार सैनिटाइजेशन की मांग की जा रही है और दबाव बनाया जा रहा है। कई बार नगर निगम के सफाई इंस्पेक्टर तथा अन्य अधिकारियों एवं नगर निगम अधिकारियों के ग्रुप पर सूचना भी दी गई. सूचना देने के बाद भी अभी तक सघन सैनेटाइजेशन कार्य नहीं हो पाया है. अतः आपसे सादर अनुरोध है कि कृपया वार्ड में गाड़ी द्वारा सैनेटाइजेशन कराने का आदेश करने का कष्ट करें।’
कोरोना काल में नगर निगम की ओर से ऐसी लापरवाही बरतना समझ से परे है. इस तरह से संक्रमण को रोकने के लिए योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही मुहिम चारों खाने चित हो जाएगी और नाकामी का ठीकरा फिर से भाजपा सरकार पर ही फूटेगा. चुनाव नजदीक हैं और नगर निगम के अधिकारियों की यह लापरवाही विपक्षी दलों के लिए सत्ता की सीढ़ी बन सकती है. बहरहाल योगी सरकार की छवि धूमिल करने में नगर निगम के अधिकारी अहम भूमिका निभा रहे हैं और विपक्ष का काम आसान कर रहे हैं. पंचायत चुनाव तो भाजपा के हाथ से निकल ही चुके हैं. अगर अधिकारियों का यही रवैया रहा तो विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की नैया डूबना तय है.
