यूपी

बाहर निकले इक जमाना हो गया…

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बाहर निकले इक़ जमाना हो गया
इस दौर में बंद आना जाना हो गया

वो हँसी कहकहे महफिलों के दौर
वो सब लगता पुराना फसाना हो गया

यह कोरोना की बवा हवा ऐसी चली
हर आदमी आज निशाना हो. गया

लगता है इंसानियत को मिली सजा
हर शख्स पर आज जुर्माना हो गया

घर बैठना ही दवा इलाज बन गया
बैठे बैठे आदमी भी दीवाना हो गया

घर पर रहते थे कभी मेहमान हमेशा
आज हर इक आदमी रवाना हो गया

*हंस* बहुत थे जिंदगी में काम पहले
आज मक़सद कोरोना हराना हो गया

एस के कपूर “श्री हंस”
मो. 9897071046, 8218685464

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