लुधियाना: आज सुबह 6:30 बजे दलितों के हितों के रक्षा व बाल, बँधुआ मज़दूरी के खिलाफ काम करने वाले दिग्गज नेता जयसिंह का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। जय सिंह जी कुछ दिन पहले सिविल हस्पताल में कोविड लक्षणों के कारण भर्ती हुए थे, जिसके बाद उनको सरकार की तरफ से सी एम सी हस्पताल रैफर कर दिया गया। सी एम सी में आज दूसरे दिन सुबह उनका हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया।
बाल, बँधुआ श्रम के खिलाफ काम कर उन्होंने कई महत्वपूर्ण कानून बनवाने में अपना योगदान दिया। ईंट भट्ठा मज़दूरों के हक के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जय सिंह का अंतिम संस्कार उनके पुत्र द्वारा उनके अपने एरिया फिल्लौर में किया गया। जयसिंह जी के देहांत के बाद नोबेल शाँति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि
“मैंने अपने सबसे पुराने और सबसे बहादुर सहयोगी “जय सिंह जी” को खो दिया है। हमने साबो, वसल खान और 34 अन्य को बचाने के लिए 1981 में पहली बार ऑपरेशन किया। इसने गुलामी के खिलाफ हमारे आंदोलन को गति दी। कई हमलों को टाला, मेरा दोस्त COVID को नहीं हरा सका। आज मेरे पास शब्दों की कमी है।”
शोक के इस अवसर पर कई सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए, जिनमे लॉ पावर एसोसिएशन से एडवोकेट योगेश प्रसाद, सर्व अधिकार रक्षा अभियान समिति से राजिंदर कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक श्री दिनेश कुमार के अलावा जयसिंह जी के साथ जुड़े अन्य लोगो ने जयसिंह जी को श्रद्धांजलि दी।
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