विचार

आपके शब्द ही जाकर आपकी पहचान बनते हैं

Share now

आपका शब्द नहीं आपका
संस्कार बोलता है।
आपकी वाणी नहीं व्यक्तित्व
आकार बोलता है।।
योग साधना आराधना सब
व्यर्थ बिना भाव के।
आपका लहज़ा खुद ही हर
प्रकार बोलता है।।

आपकी छाप हमेशा दूसरों पर
असर करती है।
आपकी शालीनता दुनिया को
खबर करती है।।
ज्ञान सेअधिक व्यवहार बनता
है सफलता की निशानी।
विषम परिस्थिति आपकी सोच
कैसा सबर करती है।।

जो भी बोलोअच्छा बोलो बोलो
सोच समझ कर।
कुशब्द प्रयोग बजाय निःशब्द
ही गुज़र कर।।
शब्दों के दाँत नहीं पर काटते हैं
बहुत गहरे तक।
बोलो हमेशा ही ऊपरवाले
से जरा डर कर।।

जो भी बोलो कि सीधा दिल
में उतर पायो।
यूँ न बोलो कि किसी के दिल
से उतर जायो।।
तेरे शब्द तेरा आईना तेरी बनते
इक़ पहचान हैं।
हमेशा इस कसौटी पर खरे ही
उतर कर आयो।।

रचयिता- एसके कपूर “श्री हंस”
मो. 9897071046, 8218685464

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *