कर्म की फसल सबको ही
काटनी पड़ती है।
अपने रास्ते की झाड़ी खुद ही
छाँटनी पड़ती है।।
और कोई नहीं बांटता हमारी
करनी का कुफल।
नफ़रत की धूल खुद ही हमें
फाँकनी पड़ती है।।
दुःख संघर्ष हार बाद भी जन्म
विश्वास का होता है।
जो कष्टऔर धैर्य से घबरा गया
वो निराश होता है।।
हार का कभी मलाल मत कर
जीत का गुमान नहीं।
सफलता का एक मात्र मंत्र
आस ही होता है।।
सपने भले ही टूट जायें पर
उम्मीद सदा जिंदा रहे।
हौसलों को रखें आसमान पर
कि मुश्किल शर्मिंदा रहे।।
मौका और सूर्योदय मिलते हैं
सदा जागने वाले को।
हमेशा ऊँचे ख्वाब देखो और
मन परिन्दा रहे ।।
काम हों ऐसे कि जिंदगी इक
मिसाल बन जाये।
धैर्य और विवेक से समस्या भी
समाधान बन जाये।।
वाणी और व्यवहार पर बस
नियंत्रण रहे हमेशा।
हो ऐसा कि जीवन हमारा हर
दिल मेहमान बन जाये।।
-एस के कपूर “श्री हंस”