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उप नगर आयुक्त निशा मिश्रा की लापरवाही की भेंट चढ़ा टैक्स वसूली अभियान, न कर्मचारी भेजे न खुद पहुंची, भाजपा पार्षद मम्मा बोले- तत्काल हों बर्खास्त, पढ़ें पूरा मामला

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नीरज सिसौदिया, बरेली
जनता के टैक्स के पैसे से मोटा वेतन वसूलने वाले अधिकारी एसी कमरों से बाहर नहीं निकलना चाहते. जनता की सहूलियत की तो इन्हें कोई परवाह नहीं है, सरकारी खजाना भरने की भी कोई फिक्र इन्हें नहीं है. हैरानी की बात तो यह है कि जब कोई पार्षद सरकारी खजाना भरने के लिए कोई पहल करता है तो ये अधिकारी उसका भी सहयोग नहीं करते. बरेली नगर निगम की एक ऐसी ही अधिकारी हैं उप नगर आयुक्त निशा मिश्रा. निशा मिश्रा जोन-4 की प्रभारी भी हैं लेकिन टैक्स वसूली के प्रति वह कितनी गंभीर हैं इसका जीता जागता उदाहरण जोन-4 के तहत पड़ते वार्ड 23 के राजेंद्र नगर में देखने को मिला. निशा मिश्रा की मनमानी के चलते यहां टैक्स वसूली कैंप रद करना पड़ा.
दरअसल, भाजपा पार्षद और बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने निगम की आय बढ़ाने के लिए अपने वार्ड में अपने कार्यालय पर गुरुवार को कैंप लगवाकर हाउस टैक्स, सीवर टैक्स, वाटर टैक्स आदि जमा करवाए थे. इसमें गुरुवार को 20 लाख 49 हजार 222 रुपये जमा हुए. कैंप लगने से स्थानीय लोगों को काफी सहूलियत हुई और उन्होंने टैक्स जमा करने में भी दिलचस्पी दिखाई. गुरुवार को कैंप में अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह भी पहुंचे थे. इतनी बड़ी मात्रा में टैक्स वसूली देखकर वह गदगद हो गए और दो दिन और कैंप लगाने को कहा. इस पर पार्षद मम्मा भी तैयार हो गए और उन्होंने पूरे वार्ड के लोगों तक यह संदेश पहुंचा दिया कि दो दिन और कैंप लगेगा जिसमें लोग टैक्स जमा करवा सकेंगे. अगले दिन शुक्रवार को कैंप का आयोजन फिर से निर्धारित समय से किया गया लेकिन शुक्रवार का नजारा और अधिकारियों का मिजाज एकदम बदला हुआ था. टैक्स कलेक्शन के लिए सिर्फ दो कर्मचारी भेजे गए. इस पर जब भाजपा पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने जोन-4 की प्रभारी और उप नगर आयुक्त निशा मिश्रा को फोन किया तो मम्मा की शिकायत सुनने से पहले ही फोन काट दिया. फिर तुरंत मौके पर मौजूद टैक्स कलेक्टर अनुज सिंह के मोबाइल पर फोन किया. इत्तेफाक से अनुज सिंह के व्यस्त होने के कारण मम्मा ने ही फोन रिसीव किया. जब मम्मा ने निशा मिश्रा से इस लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की तो निशा मिश्रा ने फिर फोन काट दिया. निशा मिश्रा ने न तो कर्मचारी भेजे और न ही खुद मौके पर जाना जरूरी समझा. इसके बाद मम्मा ने अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह को फोन किया जिन्होंने दो दिन कैंप बढ़ाने को कहा था लेकिन अजीत कुमार सिंह भी पल्ला झाड़ गए और निशा मिश्रा से बात करने की बात कहकर फोन काट दिया. इसके बाद न तो अपर नगर आयुक्त का कोई जवाब आया और न ही निशा मिश्रा का. अधिकारियों की इस लापरवाही से नाराज मम्मा ने शनिवार को आयोजित होने वाला कैंप रद्द कर दिया. अब वह स्वयं अपने इलाके के लोगों का टैक्स वसूल कर नगर निगम में विंडो पर जमा करवाएंगे. मम्मा का कहना है कि उप नगर आयुक्त निशा मिश्रा जोन -4 की प्रभारी भी हैं. अत: उनका यह दायित्व बनता है कि अपने इलाके में आयोजित कैंप में कम से कम एक राउंड लगाकर व्यवस्था और हालात का जायजा लें. दो दिन कैंप लगा लेकिन एसी कमरों में बैठने की आदी हो चुकी निशा मिश्रा ने एक दिन भी कैंप में जाना मुनासिब नहीं समझा. इतना ही नहीं उन्होंने कैंप में पर्याप्त कर्मचारी भेजना भी जरूरी नहीं समझा. मम्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या सरकार इन अधिकारियों को एसी कमरे में बैठकर मस्ती करने के लिए वेतन देती है? क्या इन अधिकारियों का कोई दायित्व नहीं है? निशा मिश्रा जैसे कामचोर और लापरवाह अधिकारी भाजपा सरकार की छवि खराब करने में जुटे हैं. ये खुद तो कोई काम करते नहीं हैं, जब कोई दूसरा प्रयास करता है तो उसे भी सहयोग नहीं करते. ऐसे अधिकारियों को ऐसे जिम्मेदार पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. मम्मा ने निशा मिश्रा को तत्काल नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है. मम्मा ने नगर आयुक्त महापौर से इस संबंध में शिकायत की है. इस संबंध में जब निशा मिश्रा से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर संपर्क कर अपना पक्ष दे सकती हैं. हम उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.

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