बरेली-रामपुर स्थानीय निकाय क्षेत्र एमएलसी चुनाव अक्टूबर-नवंबर में संभावित हैं. पिछले 18 वर्षों में इस सीट से एक बार भी भाजपा उम्मीदवार नहीं जीत सका है. पिछली बार यहां से भाजपा उम्मीदवार पुष्पपाल सिंह उर्फ़ पीपी सिंह को हराकर समाजवादी पार्टी के घनश्याम लोधी एमएलसी बने थे. इस बार भाजपा पार्षद एवं बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने इस सीट से पार्टी के टिकट के लिए दावेदारी की है. मम्मा ने किस आधार पर यह दावा किया है? मम्मा एक वार्ड के पार्षद हैं, ऐसे में एमएलसी चुनाव के लिए वह सही उम्मीदवार कैसे हो सकते हैं? क्या वह इस सीट के अंतर्गत पड़ने वाले स्थानीय निकायों में सक्रिय हैं? वर्तमान एमएलसी घनश्याम लोधी अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, मम्मा उनके कार्यकाल को किस नजरिये से देखते हैं? ऐसे कई मुद्दों पर इंडिया टाइम 24 के संपादक नीरज सिसौदिया के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने खुलकर बात की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : बरेली-रामपुर स्थानीय निकाय क्षेत्र एमएलसी चुनाव में पिछले 18 वर्षों में भाजपा का कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत सका, क्या वजह रही? आप किस आधार पर दावेदारी कर रहे हैं?
जवाब : इसके कारणों पर तो नहीं जाएंगे. आज तक भाजपा के जो भी प्रत्याशी हुए हैं उनका चयन पार्टी ने तो अच्छे से किया लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके. 18 साल पहले यहां से समाजवादी पार्टी के घनश्याम लोधी जीते थे. उसके बाद बसपा से केसर सिंह गंगवार जीते थे. पिछली बार फिर से घनश्याम लोधी जीते और भाजपा के पुष्पपाल सिंह हार गए थे. इस बार मैंने भाजपा से मन बनाया है क्योंकि नगर निगम में पार्षद के रूप में मेरा 31 वर्षों का अनुभव रहा है. जिला योजना समिति के चुनाव को इसका सेमिफाइनल कहा जाता है. मैंने वर्ष 2007-12 में जिला योजना समिति का चुनाव पूरे उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 458 वोटों से जीता था. अब उसी के आधार पर मैं एमएलसी चुनाव की वैतरणी पार करना चाहता हूं.
सवाल : एमएलसी का दायरा बहुत बड़ा होता है और आप अभी तक वार्ड का चुनाव ही लड़ते आ रहे हैं. एमएलसी के दायरे में आने वाले इलाकों में क्या आप सक्रिय हैं?
जवाब : निश्चित रूप से सक्रिय हूं. मेरी सक्रियता बरेली और आसपास के इलाकों में सर्वविदित है. कल्याण सिंह सरकार में जब शिव बहादुर सक्सेना गन्ना राज्य मंत्री हुआ करते थे तब मेरा रामपुर काफी आना-जाना रहता था. अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आदर्श सक्सेना रामपुर निवासी हैं. उनकी अध्यक्षता के समय मैं प्रदेश महामंत्री था, इस कारण भी मेरा रामपुर काफी आना-जाना रहता था और वहां के लोगों से काफी मेल मिलाप रहता था. इसलिए रामपुर भी बरेली की तरह मेरे लिए कोई नई चीज नहीं है.
सवाल : इस चुनाव में अपने मतदाताओं को आप कैसे जोड़ेंगे?
जवाब : देखिये, इस चुनाव में ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, टाउन एरिया व नगर पालिका के सभासद एवं नगर निगम के पार्षद, सांसद और विधायक आदि मतदान करेंगे. बरेली जिले में 11 टाउन एरिया, चार नगरपालिकाएं, एक नगर निगम, 15 ब्लॉक और एक जिला पंचायत है. इसी तरह रामपुर में भी है. पिछली बार लगभग 46 सौ मतदाता थे. मैं लगातार इन सभी के संपर्क में हूं.
सवाल : क्या आपने पार्टी के टिकट के लिए आवेदन कर दिया है?
जवाब : जी हां, मैंने सबसे पहले पार्टी के महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा को आवेदन देकर इसकी शुरुआत की थी. इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, शहर विधायक डा. अरुण कुमार, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व कैंट विधायक राजेश अग्रवाल, भाड़ा बरेली जिला अध्यक्ष पवन शर्मा, आंवला जिला अध्यक्ष वीर सिंह पाल, महिला मोर्चा बरेली अध्यक्ष इंदू सेठी, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, ब्रज प्रांत के संघ के पदाधिकारी डा. सत्यपाल, विक्रांत जी, आनंद जी, कर्मवीर सिंह, रजनीकांत माहेश्वरी, ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल आदि के समक्ष भी लिखित रूप से अपनी बात रख चुका हूं. अब आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप और भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल से भी मुलाकात कर अपनी बात रखूंगा. मेरा प्रयास है कि मैं अपनी बात संगठन और जनप्रतिनिधि दोनों ही मंच पर रखूं.
सवाल : एमएलसी चुनाव में आपके मुद्दे क्या होंगे?
जवाब : बरेली जिले का विकास, रामपुर जिले का विकास और सबसे प्रमुख मुद्दा बेरोजगारी को रोजगार में परिवर्तित करना और कार्यकर्ताओं का सम्मान है. ऐसे कई मुद्दे हैं. इन समस्याओं का समाधान करने के लिए ही मैं इस चुनाव में उतर रहा हूं. यदि पार्टी संगठन ने मुझे आदेश दिया और भाजपा ने मुझे प्रत्याशी घोषित किया तो इन सभी विषयों को मैं आगे बढ़ाऊंगा और निश्चित रूप से बरेली रामपुर के हित में वह काम करूंगा जो आज तक नहीं हुए. इतने एमएलसी बने पर किसी ने न तो विकास की कोई चिंता की न बेरोजगारी के विषय में सोचा और बेरोजगारी पर चर्चा तक नहीं की. चुनाव जीतने के बाद किसी भी एमएलसी ने किसी भी स्तर पर ये समस्याएं नहीं उठाईं. पिछले 18 वर्षों में किसी भी एमएलसी साथी ने कोई मुद्दे विधान परिषद में नहीं उठाए.
सवाल : वर्तमान एमएलसी को आप कितना सफल मानते हैं?
जवाब : मैं तो उन्हें शून्य मानता हूं. बरेली के मोहल्लों के नाम तक उन्हें याद नहीं होंगे, ब्लॉकों के नाम तक याद नहीं होंगे, किस ब्लॉक में कौन ब्लॉक प्रमुख है उन्हें इसकी तक जानकारी नहीं है. उन ब्लॉकों में पिछले 6 वर्षों में क्या-क्या कार्य करवाए हैं उसकी उपलब्धता सार्वजनिक करें. किन टाउन एरिया में, नगरपालिकाओं में वर्तमान एमएलसी घनश्याम लोधी ने अपनी विधायक निधि से क्या-क्या काम किए उसे सार्वजनिक करें तो दूध का दूध पानी का पानी खुद ब खुद हो जाएगा
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