यूपी

पुराने शहर की बदहाली पर भड़के पूर्व डिप्टी मेयर डा. खालिद, बोले- हर दल के विधायक ने सिर्फ धर्म की राजनीति की,  जब तक हिन्दू-मुस्लिम होगा तब तक विकास नहीं होगा 

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नीरज सिसौदिया, बरेली
कैंट विधानसभा क्षेत्र की बदहाली का जिक्र आते ही सबसे पहले जेहन में जो तस्वीर उभरती है वह पुराने शहर की होती है. बदहाल सड़कें, बजबजाती नालियां और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर बदहाली की दास्तान खुद ब खुद बयां करती नजर आती हैं. इस बदहाली का जिम्मेदार कौन है? क्या हिन्दू विधायक राजेश अग्रवाल या पूर्व के मुस्लिम विधायक इसके जिम्मेदार हैं? इसका जिक्र छेड़ने पर पूर्व डिप्टी मेयर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष डा. मो. खालिद कहते हैं, ‘यहां इस क्षेत्र में आजादी के बाद से जो विकास नहीं हुआ उसकी सबसे बड़ी वजह मजहबी सियासत रही है. यहां हमेशा हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर चुनाव हुए और नेता विधायक बनते रहे. यहां के नेता इस घमंड में रहे कि वे तो हिन्दू-मुस्लिम या बिरादरी के नाम पर चुनाव जीतते हैं तो फिर विकास कराने की क्या जरूर है? बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि कैंट क्षेत्र के एक मुस्लिम विधायक जो सबसे लंबे समय तक विधायक रहे वह अपने क्षेत्र की तो दूर अपने मोहल्ले तक की सड़क नहीं बनवा सके. क्योंकि उन्हें हमेशा मुस्लिम वोटर जिताता रहा. जब तक इस क्षेत्र के अंदर हिन्दू-मुस्लिम और जात-पात के आधार पर विधायक बनते रहेंगे तब तक यहां विकास नहीं होगा.’
पुराने शहर के अंतर्गत पड़ते सहसवानी टोला, बुखारपुरा, रबड़ीटोला, कोट, रोहिणी टोला, कांकरटोला आदि मोहल्लों में जनसंपर्क के दौरान डा. मो. खालिद वहां के लोगों की परेशानियों से रूबरू भी हुए. वह कहते हैं, ‘चाहे भाजपा हो, कांग्रेस हो, सपा हो या बसपा हो, किसी भी दल का विधायक यहां रहा हो पर किसी ने भी यहां विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया. पुराने शहर में अभी तक किसी ने न तो सड़क पर, न ही नालियों पर और न ही डिग्री कॉलेज बनवाने पर कोई ध्यान दिया या उस दिशा में कोई काम किया.’ इसकी वजह पूछने पर डा. खालिद कहते हैं कि पुराने शहर की बदहाली की सबसे बड़ी वजह यह रही कि यहां लोग जात-पात पर लड़ते रहे, हिन्दू -मुस्लिम के नाम पर लड़ते रहे, धर्म के नाम पर लड़ते रहे. न ही कैंट क्षेत्र के वोटरों ने यह सोचा कि विधायक का काम विकास कराने का होता है, उसे विकास के नाम पर वोट दिया जाए. अगर कैंट की जनता ने किसी अच्छे व्यक्ति को वोट दिया होता तो हालात सुधर सकते थे. अगर हमें कैंट की जनता वोट देगी तो हम काम करके दिखाएंगे. हमने डिप्टी मेयर रहते हुए यह साबित करके दिखा दिया था कि हम काम करवा सकते हैं. हमने सड़कें भी बनवाईं, हमने इलाके रोशन भी करवाए. जुमे को मस्जिदों के चारों ओर और मंगलवार को मंदिरों के चारों ओर साफ-सफाई करके चूना डाला जाता था. साफ-सफाई की व्यवस्था को हमने अपना कर्तव्य समझा. यहां से जो भी विधायक बना उनमें से किसी ने भी यह नहीं सोचा कि यहां विकास कैसे कराना है. सड़कों की हालत क्या है, नालियों की हालत क्या है, धार्मिक स्थानों की हालत क्या है, उनके आसपास कितनी गंदगी है, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कितना अतिक्रमण है? किसी भी विधायक में यह जज्बा नहीं रहा कि इलाके को सुंदर कैसे बनाया जाए? हम कैंट क्षेत्र की जनता से यह अपील करते हैं कि अगर जनता हमें सहयोग करेगी तो जिस तरह से हमने अपने डिप्टी मेयर के कार्यकाल के दौरान पूरे शहर को संवारने का काम किया था उसी तरह से कैंट क्षेत्र को भी चमकाने का काम करेंगे. लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज बनवाने का काम करेंगे, गरीब लोगों के लिए एक अच्छा अस्पताल बनवाने का काम करेंगे, शिक्षा और रोजगार की जो भी कमियां हैं इन्हें दूर करने का काम करेंगे ताकि घरों में खुशहाली आए और लोग खुशहाल बनें. किसी भी जाति धर्म का व्यक्ति हो वह तरक्की करे. जब लोग खुशहाल होते हैं तभी क्षेत्र की तरक्की होती है. यहां खुशहाली के लिए अब तक किसी ने काम नहीं किया. इलाके के जो पुराने लोग हैं वे जानते हैं कि हमने किस तरह से काम कराया था डिप्टी मेयर रहते हुए. उससे पहले लोग डिप्टी मेयर का नाम तक नहीं जानते थे. जब हम डिप्टी मेयर बने तो हमने काम किया और विधायक बनेंगे तो भी काम करेंगे. सबको साथ लेकर काम करेंगे.’

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