यूपी

स्कूल संचालक किसके साथ रहें?

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नीरज सिसौदिया, बरेली

बरेली में बेसिक शिक्षा समिति के प्रयास लगातार रंग ला रहे हैं. ऐसे में कुछ नए संगठन भी अस्तित्व में आने लगे हैं. जगदीश चन्द्र सक्सेना प्रदेशाध्यक्ष, बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश ने स्कूल संचालकों से अपील करते हुए कहा, “आप लोगों के सहयोग से बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश आकाश छू रही है। इसी बीच जिला बरेली में ही दो तीन स्कूल संचालकों के संगठनों का और उदय हो गया है जो मात्र आपकी शक्ति को कम कर सकते हैं। आप से सम्पर्क कर उनके साथ जाने की अपील की जा रही है। किसी निर्णय पर जाने से पहले संज्ञान में रखिये कि वर्ष 1980 से आपके हितों की लड़ाई लड़ रही आपकी समिति से आपको निम्न सुविधायें मिल चुकी हैं।”

1- हर वर्ष प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल की मान्यता वृद्धि कराने से छूट।
2-मान्यता हेतु निजी भवन की जगह 25 वर्ष के किरायेनामें की सुविधा।
3- प्राइमरी के लिये सुरक्षित कोष 100000 व जूनियर के लिए सुरक्षित कोष 150000 की जगह दोनों के लिये सुरक्षित कोष मात्र 25000 व 25000 रु।
4- वर्ष 1990 में 80 से अधिक जूनियर हाईस्कूलों की मान्यता समाप्त हो रही थी बरेली जिले में जिन्हें एक ही पत्र से मान्यता दिलाना।
5- स्कालरशिप कांड में कम से कम 100 स्कूल संचालक जेल काट रहे होते। बरेली जिले में लगातार जूनियर हाईस्कूलों की ताला बंदी आन्दोलन कर उन्हें बचाया।
6- न्यूनतम वेतन की संचालकों पर लटकी तलवार से माननीय उच्च न्यायालय से स्थगनादेश लाकर मामला रफा दफा कराया।
7- स्थानीय निकाय के सम्पत्ति कर वसूली को ठंडे बस्ते में डलवाया।
8- स्कूलों को व्यवसायिक विद्युत कनेक्शन से मुक्त कराया।
9- कक्षा एक से मान्यता प्राप्त स्कूलों में आर टी ई के अन्तर्गत नर्सरी में प्रवेश हेतु निशुल्क शिक्षा के लिये बच्चों के नाम भेजे जा रहे थे इस त्रुटि को ठीक कराया.
10- सबसे बड़ी उपलब्धि आपको साझा मंच उपलब्ध कराया।

उन्होंने कहा, ” हम आप सब से हमारे साथ ही रहने के लिये सम्पर्क कर दबाव इस लिये नहीं बना रहे कि आप स्वविवेक से स्थाई निर्णय ले सकें। शीघ्र ही वर्ष 20-21 की सदस्यता सूची व आय व्यय का विवरण आपके सामने होगा।
हमारा वायदा आपको को काले शासनादेश जनवरी 19 से मुक्त कराने हेतु पूरी ताकत लगा देंगे।”

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