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बुद्धिजीवी भी हैं और बेदाग भी, हिंदू शिष्यों पर है पूरा भरोसा, जानिये सपा के टिकट के अन्य दावेदारों से बेहतर क्यों हैं डा. नसीम अख्तर?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
वह साफ सुथरी छवि के बेदाग नेता भी हैं और बुद्धिजीवी वर्ग से भी ताल्लुक़ रखते हैं. उन्हें हिन्दू शिष्यों पर पूरा भरोसा है और उन्हीं के सहारे चुनावी दरिया पार लगाने के लिए आश्वस्त हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं डा. नसीम अख्तर की. डा. अख्तर का व्यक्तित्व उन्हें दूसरों से अलग बनाता है. कैंट विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के अन्य दावेदारों से डा. नसीम अख्तर बेहतर क्यों हैं? पूछने पर वह कहते हैं, “कैंट विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश आबादी मुस्लिम है लेकिन 40 से 50 फीसदी तक गैर मुस्लिम वोटर भी यहां पर हैं. इसी वजह से यहां भाजपा के उम्मीदवार भी जीतते रहे हैं. अगर समाजवादी पार्टी यहां से किसी मुस्लिम को उतारना चाहे तो वर्तमान हालात में सिर्फ मुस्लिम वोटों के आधार पर नहीं जीता जा सकता. पुराना परिसीमन अब बदल चुका है. पहले के जो मुस्लिम उम्मीदवार थे वे दूसरे परिसीमन में जीत जाते थे. अब यहां वही मुस्लिम प्रत्याशी जीत सकता है जिसे बड़ी तादाद में हिंदू वोट भी मिल सकें. जो समाजवादी पार्टी के दूसरे आवेदक हैं उनके बारे में तो मैं नहीं कह सकता कि उन्हें कितना वोट मिलेगा और कहां से मिलेगा लेकिन मैं अपने बारे में यह कह सकता हूं कि मुस्लिम क्षेत्रों में मुझे अधिकांश वोट तो मिलेगा ही, साथ ही गैर मुस्लिम क्षेत्रों में भी मुझे बहुत अधिक वोट मिलेगा. इसकी वजह यह है कि गैर मुस्लिम क्षेत्रों जैसे मढ़ीनाथ, सुभाष नगर, सदर, नेकपुर आदि में मैं समझता हूं कि हजारों बच्चे और उनके गार्जियन ऐसे हैं जो मुझे ऐज ए कैंडिडेट इलेक्शन लड़वाएंगे. जब इलेक्शन लड़वाएंगे तो वोट भी देंगे और दिलवाएंगे भी. वे इस बात को कह भी रहे हैं. इसी वजह से मैंने यह कदम आगे बढ़ाया है. समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता तो मैं था लेकिन इलेक्शन लड़ने के लिए मैंने इसी के दम पर आवेदन किया है कि मुझे वहां के वोट भी मिलेंगे. जब वहां के और यहां के मुस्लिम वोट भी मिल जाएंगे तो सीट आसानी से निकल सकती है. जहां तक किसी हिंदू प्रत्याशी को टिकट देने की बात है तो मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी ऐसा नहीं करेगी और अगर ऐसा करती है तो उसे पूरे तौर पर यह मुस्लिम वोट नहीं मिलेगा जो समाजवादी पार्टी के प्रति समर्पित है. दूसरी बात यह कि यह गारंटी नहीं है कि हिंदू प्रत्याशी हिंदू वोटर्स के इलाके में हिंदुओं के वोट काट पायेगा समाजवादी पार्टी का कोई बहुत ही इंपॉर्टेंट गैर मुस्लिम आवेदक फिलहाल नहीं दिखाई दे रहा है तो ऐसी स्थिति में मैं समझता हूं कि समाजवादी पार्टी अपना विचार करके या तो मुझे या किसी कॉम्पिटेंट आदमी को ही टिकट देगी जो हिंदू वोट भी ला सके. हिंदू वोट लाने की क्षमता जिसमें नहीं होगी वह व्यक्ति जीतने में सक्षम नहीं होगा. जहां तक सपा के दावेदार होने का सवाल है तो उस परिप्रेक्ष्य में मुझे इतना ही कहना है कि मेरा दामन उतना ही साफ है जितना राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का है. किसी तरह का कोई लांछन, कोई मुकदमा, कोई आरोप, कोई बदनामी, कोई नाराजगी मेरे प्रति नहीं है जबकि दूसरे जो मुस्लिम दावेदार हैं या तो वह इलेक्शन लड़े हैं तो उनसे नाराजगी हुई है या तो वे इलेक्शन नहीं लड़े हैं किसी और तरह से समाज में एक्टिव हैं, इसलिए उनसे लोग नाराज हैं लेकिन मुझ पर अंगुली उठाने की किसी तरह की कोई गुंजाइश ही नहीं है. गैर मुस्लिम से भी हमारे संबंध सकारात्मक हैं गुरु-शिष्य वाले संबंध हैं या गार्जियन वाले हैं. सब हमें वोट देंगे. जो पार्टी के लिए एक ऐसेट होगा. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमें उम्मीद है कि पार्टी हमें टिकट देगी और अगर हमें टिकट मिल जाएगा तो हम अपनी पूरी ताकत लगाकर जीतने की कोशिश करेंगे और पार्टी को सीट देंगे.”

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